आसान नमाज़ (दो रकात ) अरबी हिंदी लिपि
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Aasan Namaz Arbi Hindi Lipi |
अल्लाहु अकबर ( कहकर दोनों हाथ बांध ले )
अर्थ : अल्लाह सबसे बडा है यानि निरंकार है
(ये पढ़े ) सुब्हा न कल्लाहुमा वबिहम्दिका व् तबरकसमुका व् तआला जददूका वला इलाह गैरुका०
अर्थ : ऐ अल्लाह में तेरी शुद्धता (पाकी) की गवाही देता हुं और तेरी प्रसंशा करता हु और तेरा नाम बरकत वाला है, तु सर्वोच्च है तेरा सिवा तेरी कोई मिसाल नही है।
अउजबिल्लाह मिनश शैतान निराजीम०
अर्थ : ऐ अल्लाह में शैतान से तेरी पनाह चाहता हूँ।
बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निरराहिंम०
अर्थ : अल्लाह के नाम से, जो अत्यन्त कृपाशील तथा दयावान् है।
अल्हम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन ०
अर्रहमान निर्रहीम ०
मलिकी यौमिद्दीन ०
इय्या क नअ बुदु व् इय्या क नस्तईन ०
इहदिनससिरातल मुस्तकीम ०
सिरातल्लजी न अन्अम त अलैहिम ०
गैरिल मग्जूबि अलैहिम व् लज्जालीन ० (((आमीन )))
अर्थ : सब प्रशंसा अल्लाह के लिए हैं, जो सारे संसारों का पालनहार है।
जो अत्यंत कृपाशील और दयावान् है।
जो प्रतिकार (बदले-परलोक) के दिन का मालिक है।
(हे अल्लाह!) हम केवल तेरी उपासना करते हैं और केवल तुझ ही से सहायता मांगते हैं।
हमें सुपथ (सीधा मार्ग) दिखा।
उनका मार्ग, जिनपर तूने पुरस्कार किया और सफलता दी।
उनका नहीं, जिनपर तेरा प्रकोप हुआ और न ही उनका, जो कुपथ (गुमराह) हो गये।
अल्लाह ऐसे ही कबूल कर।
अल्लाहु अकबर (कहकर रूकूअ में यानि झुककर दोनों हाथ घुटनो पर रखे )
(ये पढ़े ) सुब्हा न रब्बियल अज़ीम ० (३ बार )
अर्थ : ऐ मेरे पालनहार में तेरी शुद्धता (पाकी) की गवाही देता हुं तू महान है।
रूकूअ से खड़े होने की दुआ (सीधे खड़े हो कर )
(ये पढ़े ) समिअल्लाहु लिमन हमिदह ० रब्बना लकल हमद०
अर्थ : ऐ अल्लाह तूने उसकी दुआ सुन ली जिसने तेरी प्रशंसा की और सम्पूर्ण प्रशंसा त्तेरी ही है ।
अल्लाहु अकबर (कहकर सज्दे में जाये यानि दोनों घुटने, दोनों हाथ, सिर, नाक जमीन पर टिका दे )
(ये पढ़े ) सुब्हा न रब्बियल अअला ० (३ बार )
अर्थ : ऐ मेरे पालनहार में तेरी शुद्धता (पाकी) की गवाही देता हुं तु सर्वोच्च है।
अल्लाहु अकबर (कहकर दोनों पैरो पर कुलहो के बल बैठ जाये )
(ये पढ़े ) रब्बिग्फिर्ली, रब्बिग्फिर्ली०
अर्थ : ऐ मेरे पालनहार मेरे पाप क्षमा कर दे।
अल्लाहु अकबर (कहकर सज्दे में जाये यानि दोनों घुटने, दोनों हाथ, सिर, नाक जमीन पर टिका दे )
(ये पढ़े ) सुब्हा न रब्बियल अअला ० (३ बार )
दूसरी रकात के लिये
अल्लाहु अकबर (कहकर सीधे खड़े होकर हाथ बांध ले )
(ये पढ़े ) जैसा ऊपर बताया गया (अल्हम्दु) से लेकर (आमीन) तक पढ़े दूसरी रकात पूरी करे
तशहहुद (यानि दोनों पैरो पर कुलहो के बल बैठ कर दोनों हाथ घुठनों के ऊपर रख ले )
(ये पढ़े ) अत्तहिय्यातु लिल्लाही वस्स ल वातु वत् तय्यबातु अस्सलामु अलै क अय्युहन्नबिय्यु व रहमतुल्लाहि व ब रकातुहु अस्सलामु अलैना व अला इबादिल्लाहिस सालिहीन
अश्हदु अल्ला इला ह इलल्लाहु व अश्हदु अन्न मुहम्मदन अब्दुहू व् रसूलुहू ०
(फिर ये दुरुद पढ़े ) अल्लाहुम म सल्लि अला मुहम्मदिवं व् अला आलि मुहम्मदिन
कमा सल्लै त अला इब्राही म व अला आलि इब्राही म इन्न क हमिदुम मज़ीद ०
अल्लाहुम म बारिक अला मुहम्मदिवं व अला आलि मुहम्मदिन
कमा बारक त अला इब्राही म व अला आलि इब्राही म इन्न क हमिदुम मज़ीद ०
(फिर ये दुआ पढ़े ) अल्लाहुम्मा रब्बना अतैना फ़िदुनिया हसनतवं फिल आख़िरत हसनतवं व किन्न अज़ाबन्नार ०
(फिर सलाम फेर दे यानि सीधे कंधे की तरफ चेहरा करे )
(ये पढ़े ) अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह
(फिर उल्टे कंधे की तरफ चेहरा करे)
(ये पढ़े ) अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह
(ये पढ़े ) अल्लाहु अकबर (१ बार जोर से कहे )
(ये पढ़े ) अस्तग्फिरुल्लाह (३ बार )
आप की नमाज मुक्कमल हुई (इंशा अल्लाह )
((( जज़ाक अल्लाह )))
sura fatiha ke bad ek sura or bhi to padhna h bhai....
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