मुझे किसका हुक्म मान’ना चाहिए ?
“अल्लाह का डर रखो और आपस मे सुलह और सफाई रखो,
और अल्लाह और उसके रसूल (अलेहिसलाम) का हुक्म को मानो अगर तुम ईमान वाले हो.!”
(क़ुरान : सुरा अनफाल 8/1)
“ए ईमान वालो ! हुक्म मानो अल्लाह का और हुक्म मानो रसूल का और उनका जो तुम मे हुकूमत वाले हैं फिर अगर तुम मे किसी बात पर झगड़ा (इकतिलाफ) उठे तो उसे तुम अल्लाह और रसूल की और लौटाओ,
अगर तुम अल्लाह और क़यामत पर ईमान रखते हो.
ये बेहतर है और उसका अंजाम सबसे अच्छा है.”
(क़ुरान : सुरा निसा 4/59)
अल्लाह हमे हक़ बात समझने की तोफीक अता फरमाये आमीन...
“अल्लाह का डर रखो और आपस मे सुलह और सफाई रखो,
और अल्लाह और उसके रसूल (अलेहिसलाम) का हुक्म को मानो अगर तुम ईमान वाले हो.!”
(क़ुरान : सुरा अनफाल 8/1)
“ए ईमान वालो ! हुक्म मानो अल्लाह का और हुक्म मानो रसूल का और उनका जो तुम मे हुकूमत वाले हैं फिर अगर तुम मे किसी बात पर झगड़ा (इकतिलाफ) उठे तो उसे तुम अल्लाह और रसूल की और लौटाओ,
अगर तुम अल्लाह और क़यामत पर ईमान रखते हो.
ये बेहतर है और उसका अंजाम सबसे अच्छा है.”
(क़ुरान : सुरा निसा 4/59)
अल्लाह हमे हक़ बात समझने की तोफीक अता फरमाये आमीन...