प्रशंसा और उपासना के योग्य कौन ? | Prashansa (Praise) Aur Upasan Ke Yogy Kaun ?

प्रशंसा और उपासना के योग्य कौन ?

Upasan Ke Yogy Kaun ?
Upasan Ke Yogy Kaun ?

एक सत्य ईश्वर के नाम से जो अत्यन्त कृपाशील है ।

        जब भी कभी किसी आस्तिक (धर्म और ईश्वर में विश्वास करने वाला) से प्रश्न किया जाता है की ईश्वर एक या अनेक है, वो तुरन्त कहता है वो एक ही है सबका मालिक एक साथ ही ये भी कहता है, उसी एक ने इस सृष्टि (यूनीवर्स) की रचना की, और उसी ने सारे जीवो को पैदा किया, वही पालक है, वही जीवन और मृत्यु देता है, वही परलोक में सबके सत्य-असत्य का न्याय करेगा, लेकिन ये सब सिर्फ जुबान से कहता है, पर मन से मानता नही है, लेकिन थोड़ा बुद्धि और विवेक का उपयोग किया जाये तो पता लगता है कि इस सृष्टि का राचेयता सिर्फ एक सत्य ईश्वर ही है, और प्रशंसा और उपासना के योग्य भी वही एक है, उसी को ही लोग अपनी-अपनी भाषाओं में पुकारते है, धर्म ग्रन्थ भी यही कहते है।
 
एक एव नमस्यो विक्ष्ववीड्यः
अर्थ : एक ईश्वर ही उपासना के योग्य ओर सारी सृष्टि में प्रशंसा के योग्य है ।
वेद (अथर्वेद 2:2:1)
 
اَلْحَمْدُ لِلّٰهِ رَبِّ الْعٰلَمِيْنَ ۞الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ ۞مٰلِكِ يَوْمِ الدِّيْنِ ۞
अर्थ : सम्पूर्ण प्रशंसा एक सत्य ईश्वर के लिए है जो समस्त संसार का पालनहार है। अत्यन्त कृपाशील, और दयावान है । न्याय के दिन का स्वामी है।
क़ुरान (सुराह फ़ातिहा 01/1-3)
 
 
Please Share Everyone
शांति का पैग़ाम
Post a Comment (0)
Previous Post Next Post