एक सत्य ईश्वर (अल्लाह) के नाम से जो बड़ा कृपाशील, अत्यन्त दयावान है।
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Quran Sandehs |
शुरू उस ईश्वर के नाम से जिसने मुझे आप को समस्त जीव और निर्जीव को पैदा किया उसको भी जो उसे नही मानते। समस्त प्रशंसा उसके लिये है जिसने धरती, आकाश, पानी, पेड, पहाड, पैदा किये, जिसने लाखों जानवर, चलने, रेगने, उडने, तेरने, कीडे-मकोडे दिखने ना दिखने वाले जीवों को पैदा किये हम उसी की उपासना और गुणगान करते है।
एक सत्य ईश्वर (अल्लाह) का अंतिम संदेश क़ुरान जो सम्पूर्ण मानव जाति के लिये है जो कि इस दुनियां और मृत्यु के पश्चात दूसरी दुनियां यानि परलोक के जीवन की सफलता के लिए भी है।
इन संदेशों को जो कोई भी अपने जीवन में ग्रहण कर उस पर अपना जीवन व्यतीत करेगा उसको ईश्वर दुनियां और स्वर्ग में उच्च प्रतिष्ठित स्थान देगा।
इन संदेशों को अपने जीवन में लागू करने के साथ ये अत्यंत आवश्यक है कि व्यक्ति उस एक सत्य ईश्वर के साथ किसी को साझी ना बनाये हैं केवल उस एक ईश्वर को सब कुछ माने यानि केवल उस एक ही की उपासना करें उसके गुणों यानि निरंकार, अजन्मा, हर जीव और निरजीव को जन्म और मृत्यु देने वाला, हर जीव को जीविका देने वाला, स्वास्थ्य देने वाला, कामना पूर्ण करने वाला, संतान देने वाला, भूत-भविष्य को जानने वाला, स्रष्टि बनाने और चलाने वाला, भाग्य बनाने वाला इत्यादि पर आस्था रखे तो उसने कहा है।
कुरान (सुराह बक़रह 2/256)
एक सत्य ईश्वर के अतिरिक्त कोई उपास्य नहीं। वह सदैव से जीवित है, संपूर्ण जगत का संभालने वाला, उसको न ऊँघ आती है ना नींद। उसी का है जो कुछ आकाशों में और पृथ्वी में है। कौन है जो उसके पास उसकी अनुमति के बिना सिफारिश कर सके। वह जानता है जो कुछ भूत और भविष्य में है। और तुम उसके ज्ञान में से किसी चीज़ को घेरे (परिधि) में नहीं ले सकते, परन्तु जितना वह चाहे। उसी एक परमेश्वर की सत्ता आकाशों और पृथ्वी पर छायी हुई है। वह थकता नहीं उनके थामने से। और वही एक उच्च प्रतिष्ठा का मालिक और महान है।
कुरान (सुराह बक़रह 2/255)
कुरान (सुराह इख्लास 112/1-4)
और उसने ये कहा। लोगों ने उसके सिवा ऐसे उपास्य बनाये जो किसी चीज़ को पैदा नहीं करते, वह स्वयं पैदा किये जाते हैं। और वह स्वयं अपने लिए न किसी हानि का अधिकार रखते हैं और न किसी लाभ का। और न वह किसी की मृत्यु का अधिकार रखते हैं और न किसी के जीवन का, और न मरने के बाद पुनः जीवित करने का।
कुरान (सुराह फुरकान 25/3)
ऐ लोगो, ध्यान से सुनो, एक मिसाल का वर्णन, निस्सन्देह तुम लोग एक सत्य ईश्वर के अतिरिक्त जिस किसी को पुकारते हो, वह कदापि पैदा नहीं कर सकते। एक मक्खी यद्यपि सब के सब एकत्र भी हो जायें। और यदि मक्खी उनसे कुछ छीन ले तो वह उससे छुड़ा भी नहीं सकते। सहायता चाहने वाले भी कमजोर और जिनसे सहायता चाही वह भी कमजोर।
लोगों ने एक परम सत्य ईश्वर के मोल को ना पहचाना जैसा उसका अधिकार था। निस्सन्देह वह शक्तिशाली और प्रभुत्वशाली है।
कुरान (सुराह हज 22/73-74)
आइये हम सब ऐसे ईश्वर की उपासना करें जो सर्वगुणसम्पन्न, सर्वशक्तिमान, सर्वव्यापी, सामर्थवान और दयावान है। उससे हम प्रार्थना करे ।
एक सत्य ईश्वर (अल्लाह) के नाम से जो बड़ा कृपाशील, अत्यन्त दयावान है।
सम्पूर्ण प्रशंसा एक सत्य ईश्वर (अल्लाह) के लिए है जो समस्त संसार का पालनहार है।
अत्यन्त कृपाशील, और दयावान है।
न्याय के दिन का स्वामी है।
हम सिर्फ तेरी ही उपासना करते हैं और हैम सिर्फ तुझ ही से सहायता चाहते हैं।
हमको सीधा मार्ग दिखा।
उन लोगों का मार्ग जिन पर तूने कृपा की।
क़ुरान (सुराह फातिहा 1/1-7)
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