सुराह रूम-30 आयत 1-60
अलिफ लाम मीम, जमीन के सबसे निचले हिस्से पर रोमियो की हार और उनके चंद साल बाद गालिब होने की पेशनगोई कुरान ने की, वह पेशनगोई पूरी हुई, क्योंकि अल्लाह अपने वादे के खिलाफ नहीं करता, वह खुद गौर करेंगे क्या आसमान और जमीन की तखलीक का इतना इतना बड़ा निजाम, बे मकसद भी नहीं है, और हमेशा के लिए भी नहीं है, क्या जमीन में उन्होंने नहीं देखा, यह कैसी-कैसी ताकतवर कौमें में तबाह हो गई, अल्लाह किसी पर जुल्म नहीं करता, उन्होंने खुद अपने आप पर जुल्म किया था, अल्लाह ही खल्क की इफतिदा करता है, और उसे लौटएगा, उस दिन मुजरिम हैरान रह जाएंगे, अल्लाह जिंदगी से मौत निकालता है, और मौत से जिंदगी निकालता है, और मुर्दा जमीन को जिंदगी बख्शता है, इसी तरह तुम लोग भी मरने के बाद जिंदा किए जाओगे,
तुम्हारा जमीन पर फैलना तुम्हारे नस्ल से ही तुम्हारे जोड़े होना, ताकि तुम सुकून हासिल कर सको, आसमानो और जमीन की पैदाइश, तुम्हारे रंग और जबानों का इख्तिलाफ, तुम्हारा रात को सोना और दिन में अल्लाह का फजल तलाश करना, बिजली की चमक, पानी बरसना, और उससे उसका जिंदा होना, यह सब गौर फिक्र करने वालों के लिए अल्लाह की निशानियां है, ये उसकी निशानियों में से है, के आसमान और जमीन सब उसके हुकुम कायम है, उसकी पुकार पर तुम अचानक से निकल आओगे,
अल्लाह के कानून और उसकी पैदा की हुई फितरत नहीं बदलती, इसी कानून के मुताबिक इंसान को पैदा फरमाया, नमाज कायम करो और मुशर्किन में से ना हो जाना, जिन्होंने अपने दीन में फिरके बना लिए और टुकड़े टुकड़े हो गए हर गिरोह के पास जो कुछ है बस उसी में मगन है, लोगों का हाल यह है कि जब वह अच्छे हाल में होते हैं तो ना शुके बन जाते हैं, और उनमें से कुछ शिर्क करने लगतेे हैं, जब वह तकलीफ में होते हैं, तो कुछ अपने रब को पुकारते हैं और कुछ मायूस हो जाते हैं, इमान वालों तुम रिश्तेदारों, मिस्किनों और मुसाफिरों को उनका हक दो, सूद से ब बरकती होती है और जकात देने वाले यकीनन अपना माल बढ़ाते हैं
खुशकी की और समुंद्र दोनों में जो फसाद बरपा हो गया वह इंसान अपने हाथों की कमाई से है, हवाओ, बादलों और पानी के निजाम मुफस्सिल बयान करने के बाद फरमाया, यह अल्लाह की आयात है, तुम ना तो मुर्दों को सुना सकते हो, ना पीठ फेर चुके बहरों को, और ना अंधों को रास्ता समझा सकते हो, जो अल्लाह की आयात पर इमान लाना चाहे सिर्फ उन्ही को सुना सकते हो, कयामत में मुजरिम कसमें खा खाकर कहेंगे, वह सिर्फ एक घड़ी भर ये ज्यादा नहीं ठहरेगें, इसी तरह दुनिया की जिंदगी में धोखा खाते थे, लेकिन जिन्हें इल्म आता हुआ, वो कहेगें के तुम अल्लाह के रिकॉर्ड के मुताबिक उठाए जाने के दिन तक वहां ठहरे और ये वही उठाए जाने का दिन है, उस दिन जालिमों को उनका कोई उज्र नफा ना देगा, और ना उनसे माफी कबूल की जाएगी, कुरान ने तो तरह-तरह की से खोल कर बता दिया, लेकिन इन्कार करने वाले, यही कहे जाएंगे तुम बातिल पर हो, सब्र करो अल्लाह का वादा सच्चा है, और जो यकीन नहीं लाते हैं, तुम्हे हल्का नहीं पाएंगे ।