Khulasa E Quran | Revealed Quran Hindi | Surah Sajda-32 Ayat 1-30 | खुलासा ए कुरान | मुख़्तसर क़ुरान हिंदी | सुराह सजदा-32 आयत 1-30

अल्लाह के नाम से जो बडा ही मेहरबान और रहम करने वाला है

Khulasa E Quran
Khulasa E Quran

सुराह सजदा-32 आयत 1-30

अलिफ लाम मीम अल किताब का इल्म अल्लाह रब्बुल आलामीन की तरफ से है, यह तुम्हारे रब की तरफ से हक है, ताकि तुम उस कौम को डराओ जिनके पास तुम से पहले कोई डराने वाला नहीं आया, अल्लाह ने छः महरेले में जमीन और आसमान को पैदा करने वाले की सिवा तुम्हारा कोई हामिल और मददगार नहीं है, उसका तरीका यह है वह आसमान से जमीन की तरफ अपने अम्र की तदबीर करता है, फिर वह अम्र अल्लाह की तरफ एक योम में लौटता है, जिसकी में मिकदार तुम्हारी गिनती में 1000 साल है, गैब हो या जाहिर वह हर चीज का इल्म रखता है,

इंसान को मुख्तलिफ स्टेज से गुजार कर फिर उसमें रूह फुंकी, और तुम्हें सुनने और देखने और कल्ब इस्तेमाल करने की ताकत दी, उसका शुक्र अदा करने की बजाय, कुछ लोग दोबारा पैदा होने के मुनकिर हैं उनसे कहो कि काश तुम उस वक्त के देख सकते कि जब मुजरिम अपने रब के सामने गिडगिडा कर वापस भेजे जाने की मोहलत मांग रहे होंगे, मगर कहा जाएगा कि तुम्हें खबरदार किया गया था, लेकिन तुमने इस दिन की मुलाकात को फरामोश कर दिया अल्लाह ने भी अब तुम्हें भुला दिया,

अल्लाह की आयात पर ईमान लाने वाले सज्दों में गिरते हैं तकब्बूर नहीं करते उसके दिए हुए रिज्क में से खर्च करते हैं, अल्लाह तो दुनिया में परेशानियों में मुफितला करता रहता है, ताकि लोग अल्लाह की तरफ रूजू करें और बड़े अजाब से बच जाऐं, लोगों ने तारीख पर गौर नहीं किया और इन मनाजिर पर भी गौर नहीं किया, अल्लाह ऐसी जमीन पर पानी बहा लाता है जहां सब्जा नहीं उगता, और वहां फिर फसलें लहलहाने लगती है, और अगर वह यह पूछे कि फैसला कब होगा, तो कह दो कि फैसले के दिन इमान लाना तुम्हारे काम नहीं आएगा, जिन्होंने कुफ्र किया उन्हें फिर मोहलत नहीं मिलेगी, उन्हें उनके हाल पर छोड़ दो, और इंतजार करो ।
Post a Comment (0)
Previous Post Next Post