Khulasa E Quran | Revealed Quran Hindi | Surah Ahzab-33 Ayat 1-73 | खुलासा ए कुरान | मुख़्तसर क़ुरान हिंदी | सुराह आहज़ब-33 आयत 1-73

अल्लाह के नाम से जो बडा ही मेहरबान और रहम करने वाला है

Khulasa E Quran
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सुराह आहज़ब-33 आयत 1-73

अल्लाह का तक्वा इख्तियार करो और कुफफार और मुनाफिकीन की इत्तिबा ना करो, मुंह बोले बेटे तुम्हारे हकीकी बेटे नहीं है, उन्हें उनकी सही वल्दियत से पुकारो और अगर उनके बाप का इल्म ना हो तो तो तुम्हारे दीनी रफीक है, नबी की जात इमान लाने वालों पर उनकी जान से बढ़कर है, और नबी की बीवियां उनकी मांए हैं, जंगे अहजाब का जिक्र करते हुए बताया गया कि अल्लाह ने फरिश्तों के जरिए अहले इमान की मदद की, ऐसी आंधी भेजी जिससे उनके पांव उखड़ गए ,ऐसे सख्त मौके पर ईमान वालों के ईमान और मजबूत हो जाते हैं, और वह पुकार उठते हैं अल्लाह ने यही तो हम से वादा किया था कि घेराव और मुखालफत होगी, लेकिन मुनाफिकीन ऐसे मौके पर छट कर अलग हो जाते हैं, मुश्किल वक्त में हिले बहाने करने वाले मुनाफिक होते हैं, उनसे कह दो कि अगर मौत और कत्ल से डर भाग रहे हो तो यह याद रखो, कि अल्लाह जब तुम्हें नुकसान में रखना चाहे तो कोई दूर नहीं कर सकता,

नबी की बीवियां भी, चुकी नमूना होती है, इसलिए बताया गया कि अगर उन्होंने कोई फुहश काम किया तो दोहरी सजा और दोहरा अजाब होगा, उनसे खिताब करते हुए कहा गया कि तुम किसी भी दूसरी औरत की तरह नहीं हो, अपनी सज धज दिखाती ना फिरो, ऐसे लेहजे में बात ना करो, कि किसी को गलतफहमी हो, अपने घरों में टिक कर रहो, अल्लाह तो अहले से गंदगी दूर कर देना चाहता है, अल्लाह और रसूल जब फैसला कर दे तो फिर किसी को इस मामले में खुद फैसला करने का इख्तियार नहीं है, मोहम्मद सल्ल. की कोई नरीना औलाद नहीं है, अल्लाह के रसूल और खातुमुन नबीइन हैं,

नबी के लिए अल्लाह ने चार निकाहों के बाद भी निकाह की इजाजत रखी है, यह इजाजत दिगर ईमान लाने वालों के लिए नहीं है, इमान वालों को हिदायत की गई कि अगर, नबी की बीवियों से कुछ बात करनी हो, या मांगना हो तो पर्दे के पीछे से कहा करें, तमाम अहले इमान औरतों से कहा गया, कि जब वह बाहर निकले तो अपनी लंबी चादर अपने ऊपर लपेट लें, ताकि पहचान ली जाए और सताई ना जाए, पाक बाप औरतों से छेड़खानी करने वालों को बस्ती से निकाल दो, उसके बाद भी अगर नजर आए और अपनी हरकतें जारी रखें तो उनके लिए सजा ए मौत है,

जो कयामत के वक्त का सवाल करते हैं उनसे कह दो अल्लाह को उसका इल्म है हो सकता है कि तुम्हारे करीब आ लगी हो, जब मैं उन्हे आग का अजाब दिया जाएगा, तो वह सरदार और बड़ों के लिए दोहरे अजाब की दरखास्त करेंगे, जिनकी वह दुनिया में इत्तिबा किया करते थे, इमान वालों तक्वा इख्तियार किया करो, सीधी और सच्ची बात किया करो, अल्लाह तुम्हारे आमाल दुरुस्त फरमायेगा और गुनाहों की मगफिरत फरमाऐगा, अल्लाह ने अमानत का वजन जमीन और आसमान और पहाड़ों पर नहीं डाला, इंसान को इसके लिए चुना इसमें हद से गुजर जाने और अपनी जिद पर अड जाने का मादा भी रखा गया, उसकी ये आजमाइश होनी थी, इन रूझानात को कंट्रोल करके अपने आप को  अमानत का बोझ उठाने का अहल साबित करता है या नहीं, ये इसलिए हुआ ताकि खरे-खोटे अलग हो जाए, और अल्लाह  मुनाफिक मर्द औरतों, और मुशरिक मर्द औरतों को सजा दे, वह सच्चे इमान वालो से जो खताऐं भी हो उन पर उनकी तौबा कुबूल फरमाए, और वह गफूर रहीम है । 
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