Khulasa E Quran | Revealed Quran Hindi | Surah Kariya-101 To Naas-114 | खुलासा ए कुरान | मुख़्तसर क़ुरान हिंदी | सुराह कारिया-101 से नास-114 तक

अल्लाह के नाम से जो बडा ही मेहरबान और रहम करने वाला है

Khulasa E Quran
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सुराह कारिया-101, तकासुर-102, अस्र-103, हुमजाह-104, फ़ील-105, क़ुरैश-106, माऊन-107, कौसर-108, काफ़िरून-109, नस्र-110, मसद-111, इख्लास-112, फलक-113, नास-114 का खुलासा 

सुराह कारिया 101 : वह अजीम हादसा होगा जब लोग बिखरे हुए परवानों की तरह और पहाड़ धुनकी के हुए उन की तरह होंगे, फिर जिसके पलड़े भारी होंगे वह ऐश में होगा और जिसके पलडे हल्के होंगे वह गहरी खाई में गिरेगा, जिसमें आग भड़क रही होगी ।

सुराह तकासुर 102 : एक दूसरे से बढ़कर माल खाने की धुन में तुम्हें गफलत में डाल दिया और इसी हालत में तुम कब्र तक पहुंच गए तुम्हारा इल्म जब इलमुल यकीन बन जाए, तो तुम जहन्नम को यकीन की आंखों से देखोगे, उस रोज तुमसे नेअमतों की पूछताछ होगी ।

सुराह अस्र 103 : जमाना गवाह है कि इंसान यकीनन घाटे में है रहेगा, सिवाय उनके जिन्होंने इन चारों की पाबंदी की, ईमान, अमले सालहे, हक की नसीहत और सब्र की तलकीन ।

सुराह हुमजाह 104 : ताने और गिबत करने वाला तबाह हो गया और वो जिसने माल जमा किया और गिन गिन कर रखा वह समझता है उसका माल हमेशा रहेगा, हरगिज नहीं उस शख्स को चकनाचूर करने वाली जगह पर फेंका जाएगा, अल्लाह की खूब भड़का ही हुई आग जो दिलों तक पहुंचेगी, वो उन पर ढांक कर बंद कर दी जाएगी और उसके शोले ऊंचे-ऊंचे सुतुनों की मानिंद होगे ।

सुराह फिल 105 : क्या तुमने नहीं देखा कि तुम्हारे रब ने हाथी वालों के साथ क्या किया क्या उसने उनके फरेब को अकारत नहीं कर दिया और उनकी लाशों की सफाई के लिए परिदों के झुंड भेज दिए इधर मक्के वाले उन पर पक्की हुई मिट्टी के पत्थर फेंक रहे थे फिर उनका यह हाल कर दिया जैसे कि खाया हुआ भूसा ।

सुराह कुरेश 106 : तिजारत करने वाले मानुष हो गए जाड़े और गर्मी के सफर से, लिहाजा उन्हें चाहिए कि उस घर के रब की बंदगी करें जिसने उन्हें भूख से बचाकर खाने को दिया और खौफ से बचाकर अमन अता किया ।

सुराह माउन 107 : तुमने उसको देखा जो दीन को झुठलाने वाला है, वो वही तो है जो यतीम को धक्के देता है और मिस्किन को खाना खिलाने की तरगीब नहीं देता, हालाकत है ऐसे नमाजियों के लिए जो अपनी नमाजों में गफलत बरतते हैं, जो रियाकारी करते हैं और छोटी-छोटी चीजें लोगों को देने से मना कर देते हैं ।

सुराह कौशर 108 : हमने तुम्हें बेशुमार भलाईयां अता की, लिहाजा तुम अपने रब ही के लिए नमाज पढ़ो और कुर्बानी करो, बेशक तुम्हारे दुश्मन की जड़ कट जाने वाली है ।

सुराह काफिरून 109 : कह दो कि ऐ काफिरो मैं उनकी इबादत उनकी बंदगी नहीं करता जिनकी तुम पूजाएं करते हो,  और जिसकी मैं बंदगी करता हूं तुम उसकी इबादत नहीं करते और आइंदा भी जिनकी पूजा तुम करते हो मैं उनकी इबादत नहीं करूंगा और जिसकी बंदगी मैं करता हूं तुम उसकी इबादत कभी करोगे नहीं, तुम्हें तुम्हारा दिन मुबारक और मैं अपने दिन पर हूं ।

सुराह नस्र 110 : जब अल्लाह की मदद आ जाए और फतेह नसीब हो जाए और तुम लोगों को फौज दर फौज दीन में दाखिल होते देखो, तो अपने रब की हम्द के साथ उसके काम में मुस्तैदी से लग जाओ, उससे मगफिरत तलब करो, बेशक वो तौबा कबूल फरमाने वाला है ।

सुराह लहब 111 : जिसके अंदर गुस्से और हसद या किसी और तरह की आग है, उसकी सलाहियतेे बर्बाद हो गई और वह नामुराद हो गया, ना उसका माल उसके काम आया और ना उसकी कमाई, वह जरूर आग में झुलजता रहेगा, उसकी औरत इधर-उधर अपना रोना रोती फिरेगी और उसके गले में परेशानियों की रस्सी होगी ।

सुराह इख्लास 112 : कहो कि वो अल्लाह एक है और वह बेनियाज है ना उसकी कोई औलाद है ना वह किसी की औलाद है और कोई एक भी उसका हमसर नहीं ।

सुराह फलक 113 : कहो के जो फाड़कर तामीर करता है मैंने उस रब की पनाह ली है, हर उस चीज के शर से जो उसने पैदा की, और रात की तारिकी के शर से जब वो छा जाए और लगाई बुझाई करने वाली जमातों के शर से, और हासिद के शर से जब वो हसद करे ।

सुराह नास 114 : कहो कि मैंने पनाह ली इंसानों के रब और तमाम इंसानों के बादशाह, और तमाम इंसानों के माबूद की, उस वसवसा डालने वाले के शर से, जो बार-बार पलट कर आता है, जो लोगों के सीनों में वसवसे डालता है, खां वो जिन्नों में से हो या इन्सानों में से ।

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