Khulasa E Quran | Revealed Quran Hindi | Surah Shams-91 To Aadiyat-100 | खुलासा ए कुरान | मुख़्तसर क़ुरान हिंदी | सुराह शम्स-91 से आदियात-100 तक

अल्लाह के नाम से जो बडा ही मेहरबान और रहम करने वाला है

Khulasa E Quran
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सुराह शम्स-91, लैल-92, दुहा-93, इंशराह -94, तीन-95, अलक-96, क़द्र-97, बय्यनाह-98, ज़िलज़ाल-99, आदियात-100 का खुलासा

सुराह शम्स 91 : सूरज और धूप और उसके पीछे आने वाला चांद रात और दिन और आसमान और इस कायनात की गवाही और जमीन और उसको बिछाने वाले की गवाही और नफ्स और उसको बैलेंस करने वाले की गवाही, जिसने उसकी नेकी और बदी उसमें इल्का की, की यकीनन वह फलां पा गया, जिसने तजकिया किया, और नफ्स की नेक सिफात को दबाने वाला ना मुराद हुआ, जैसे कौमे समूद तबाही से दो चार हुई ।

सुराह लैल 92 : रात और दिन और नर और मादा की तरह तुम सब की कोशिशें भी जुदा है, कुछ लोग अल्लाह की रजा के लिए माल खर्च करने वाले और भलाई की तलकीन करने वाले हैं, अल्लाह उनके लिए फितरत की राह आसान कर देगा, कुछ लोग कंजूस और भलाई को झूठलाने वाले हैं अल्लाह उनके लिए गैर फितरी राह आसान करेगा, जब वो हलाक ही हो जाएगा तो माल किस काम का, दुनिया और आखिरत दोनों का मालिक अल्लाह है, झूठलाने वाले को उससे दूर रखा जाएगा और माल खर्च करने वाले और अपने रब की रजा का काम करने वाले से अल्लाह राजी होगा ।

सुराह जुहा 93 : दिन और रात गवाह है कि तुम्हारा रब तुमसे नाराज नहीं है, यकीनन तुम्हारा बाद का दौर पिछले दौर से बेहतर है, वो जल्द ही तुम्हें जो अता करेगा उससे तुम खुश हो जाओगे, उसने पहले भी हमेशा तुम्हारी मदद की और ख्याल रखा, लिहाजा तुम यतीम पर सख्ती ना करो और साहिल को झिडकी ना दो, और अपने रब की नेअमत का इजहार करो ।

सुराह इनशराह 94 : क्या अल्लाह ने तुम्हारा सरेसदर नहीं कर दिया और तुम पर से कमरतोड़ बोझ नहीं उतार दिया, और तुम्हारा जिक्र बुलंद किया, याद रखो हर तंगी के साथ सहूलियत भी तो है, फारिग होने के बाद डट जाओ और अपने रब की तरफ रागीब हो जाओ ।

सुराह तीन 95 : इन्जीर, जैतून, तूर पहाड और अमन वाला शहर गवाह है, हमने इंसान को बहतरीन बनाया, लेकिन वो पस्ती में गिरता चला गया, मगर जो इमान लाया, नेक अमल किये उनके लिये बडा अज्र है, दीन को झूठलाने वालों का हिसाब सबके हाकिम के पास है, वो फैसला कर देगा ।

सुराह अलक 96 : अपने रब के नाम से पढ़ो जिसने तुम्हें कलम के जरिए से इल्म दिया और इंसान आलिम बन गया, जो गिरोह तुम्हें नमाज और तक्वा और नेकीयों से रोके उसकी बात मत मानो, अल्लाह उनसे समझ लेगा तुम अपने रब की कुर्बत के लिए सजदा करो ।

सुराह कद 97 : अल्लाह ने कुरान को शबे कद्र में नाजिल फरमाया जो हजार महीनों से अफजल है, फरिश्ते और रूह अपने रब के इज्न से तमाम उमूर नाफीस करने के लिए उतरते हैं, वो रात सरासर सलामती है तुलू ए फज्र तक ।

सुराह बय्यनाह 98 : अहले किताब और मुश्रिकीन में से जो काफिर थे, वो उस वक्त तक शरारत करते रहे जब तक अल्लाह की तरफ से एक रसूल की शक्ल में एक दलीले रोशन नहीं आ गई, रसूल पाकीजा साहिफों की तिलावत करता है क्योंकि उस पर नाजिल होने वाले कुरान मैं तमाम किताबें सीधी करके रख दी गई है, जिन्हें पहले किताब दी गई थी  उन्हें भी अल्लाह की बंदगी और जकात का हुक्म देकर तो कहा गया था कि यही हमेशा से कायम दिन है, अहले किताब और मुशरिकीन में से जो काफिर हुए वह आग में जाएंगे और जो ईमान वाले होंगे उनके लिए ऐसी-ऐसी जन्नतें हैं जहा वो हमेशा रहेंगे, अल्लाह उनसे राजी हुआ और वो अल्लाह से राजी हुए, अपने रब से डरने वाले के लिए नेअमतें है ।

सुराह जिलजाल 99 : जब जमीन जबरदस्त जलजले से हिला दी जाएगी और वह अपने बोझ निकालकर बहार डाल देगी, इंसान हैरान होगा कि यह हो क्या रहा है, उस दिन अपने रब के हुक्म से जमीन अपनी दास्तान बयान करेगी, उस दिन जिस ने जर्रा बराबर भी नेकी की होगी या जर्रा बराबर भी बदी की होगी तो वो उसको देख लेगा ।

सुराह आदियात 100 : जंगी घोड़े अपने मालिकों के लिए अपनी जान लगा देते हैं और इंसान अपने रब का नाशुक्रा है, ओर उसकी जिंदगी उस पर खुद गवाह है, दौलत से इसे शदीद मुहब्बत है, क्या वो नहीं जानता कि उसे एक दिन कब्रों से निकाला जाएगा और सीनों में छुपे राजों की तहकीक होगी, उनका रब उस रोज उनके अंजाम से खूब वाकिफ होगा ।

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