Khulasa E Quran | Revealed Quran Hindi | Surah Maryam-19 Ayat 1-98 | खुलासा ए कुरान | मुख़्तसर क़ुरान हिंदी | सुराह मरयम-19 आयत 1-98

अल्लाह के नाम से जो बडा ही मेहरबान और रहम करने वाला है

Khulasa E Quran
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सुराह मरयम-19 आयत 1-98

काफ हा या एन साॅद, उस रहमत का जिक्र है, जो तुम्हारे रब ने अपने बंदे जकरिया पर की थी उनको अल्लाह ने बुढ़ापे में औलाद से नवाजा, और हजरत याहया जैसी औलाद दी, बचपन से पाकीजा भी थे और कुव्वते फैसले के मालिक भी, और मरियम के साथ यह हुआ कि जब वह बालिग हुई तो बेतूल मस्जिद से निकलकर मशरीक में एक जगह पर जाकर रहने लगी, वहां एक दिन अल्लाह की तरफ से भेजी हुई एक रूहानी हकीकत इंसानी शक्ल में मरियम के सामने हाजिर हुई, वो डर गई उसने कहा कि मुझे तुम को एक पाकीजा लड़का अता करना है, मरियम ने कहा कि मुझे आज तक किसी मर्दे ने नहीं छुआ है, उसने जवाब दिया कि तुम्हारे रब के लिए ये बहुत आसान है, उस लड़के को तुम्हारा रब लोगों के लिए अपनी एक आयात बनाना चाहता है, और यह होकर रहेगा,

मरियम हामिला होकर एक विराने में निकल गई और, बच्चे की पैदाइश के वक्त बेबसी में फरियाद की कि अल्लाह ऐसा होने से पहले मेें मर जाती या भूली बिसरी हो जाती, आवाज आई कि गम मत कर, तुम यहां पर खजूर खाओ और चश्मे का पानी पियो और कोई बच्चे को देखे और उसके बारे में पुछे तो इशारे से बता देना कि मैंने ना बोलने की नजर मानी है, मरियम ने बस्ती से दूर बच्चे की तबीयत की और जो फरिश्तों ने बताया था कि अल्लाह उन्हें नबूवत और किताब अता करेगा, बचपन में ही उन्होंने हजरत ईसा को बता दिया, फिर वह बच्चों को लेकर अपनी कौम के लोगों में वापस आई, जब लोगों ने बच्चों को देखकर मलामत की तो मरियम ने बच्चे की तरफ इशारा किया तो बच्चा बोल उठा कि मैं अल्लाह का बंदा हूं और उसने मुझे किताब दी और में नबी बनाया गया हुं, और बरकत बनाया, जिंदगी भर नमाज और जकात की पाबंदी का हुक्म देता रहुगां,

यह इसकी हकीकत अल्लाह के बैठे नहीं थे लेकिन अल्लाह जो चाहता है वह हो जाता है, हजरत इशा ने लोगों को तौहिद की दावत दी, तमाम नबियों ने तौहिद की दावत दी, हजरत इब्राहिम ने अपने बाप को बुत परस्ती से मना किया तो उसने कहा कि तू यहां से चला जा नहीं तो पत्थर मार मार के हलाक कर दूंगा, इब्राहिम अब सलाम करके अपने बाप से जुदा हुए इस वादे के साथ के वह अपने बाप के लिए दुआ करते रहेंगे,

हजरत मूसा से अल्लाह ने तूर पहाड़ पर कलाम किया, हजरत हारून को नबी बनाकर उनका साथी बनाया हजरत इस्माइल को अल्लाह ने ऐसा नबी बनाया, जो रसूल भी थे, इदरीश ऐसे नबी थे, जिन्हें अल्लाह ने ऊपर उठा लिया यह नबी आदम की औलाद थे, नूह की कस्ती के साथी की नस्ल से थे, और इब्राहिम और इस्माइल की जुर्रियत थे, फिर उनके बाद ना खलत लोग उनके जानशीन हुए, जिन्होंने नमाज को जाया किया और ख्वाहिशाते नफ्स की पैरवी की, और जहन्नम के हकदार हो गए,

अल्लाह की आयात सुनकर मजाक उड़ाने वाले कहते हैं, के उन की मजलिस ए नबी की मजलिस से ज्यादा शानदार है हालांकि अल्लाह उससे ज्यादा बहुत साजो सामान रखने वाली को कौमों हलाक कर चुका है, हिसाब के दिन उन्हें मालूम हो जाएगा कि किस का गिरोह कमजोर है, इनकार करने वाले जिन पर शयतीन छाये हुए हैं, उनके दिनों की गिनती जारी है, मुत्ताबद की लोग मेहमान की तरह उनके रब के सामने पेश होंगे, और मुजरिम प्यासे जानवरों की तरह जहन्नम की तरफ हांके जाएंगे, रहमान का कोई बेटा नहीं है बहुत बड़ी बात है जो घडनें वालों ने घड़ी, आसमान और जमीन में सब उसके बंदे हैं, वो सब पर वह हावी है, और सब उसके शुमार में है, तुम परहेजगारो को खुशखबरी दे दो, और हठ धर्म लोगों को वार्निंग दे दो ।

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