Khulasa E Quran | Revealed Quran Hindi | Surah Hijr-15 Ayat 1-99 | खुलासा ए कुरान | मुख़्तसर क़ुरान हिंदी | सुराह हिजर-15 आयत 1-99

अल्लाह के नाम से जो बडा ही मेहरबान और रहम करने वाला है

Khullasa E Quran
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सुराह हिजर-15 आयत 1-99

अलिफ लाम रा, वो किताब की आयात हैे जो किताबे मुबीन है, वह वक्त दूर नहीं जब मुनकिरीन पछताएंगे, अल्लाह ने जब भी किसी बस्ती को हलाक किया, एक तयशुदा और मुकर्रर कानून के तहत हलाक किया, इस कानून के मुकर्रम मुद्दत से ना एक घड़ी पहले ना एक लम्हे बाद, जिस पर यह जिक्र नाजिल हुआ, उसको यह मजनून कहते हुए यह कहते हैं, कि ये सच्चा है तो इसके साथ फरिश्ते भी आते, हालांकि जो फरिश्ते हक लेकर उतरते हैं, तो मोहलत खत्म हो जाती है, ये जिक्र तो ऐसा है कि अल्लाह ने इसे नाजिल फरमाया, और अल्लाह इसकी हिफाजत फरमाएगा,

इससे पहले भी रसूल को झुठलाया गया, इस किस्म के लोगों का यही कहते चला आ रहे ह,ै अगर इनके लिए आसमान में एक किले का दरवाजा खोल दिया जाए, ‘‘इसे वरमोल कहते है, ब्लेक होल, मेराज हुई’’ तो इसमें भटक जाए और चढ़ते चले जाएं, फिर वह कहेंगे कि जो कुछ पेश आ रहा है, वह हकीकत नहीं है हमारी निगाहें नशे में मस्त है, हम पर जादू हो गया है, अल्लाह ने आसमानों में ऐसे किले बनाए हैं, जो देखने वालों की निगाहों की जीनत है, जब कोई शैतान कुछ सुन गुन लेने की कोशिश करता है, तो एक शोला उसका पीछा करता है,

जमीन को अल्लाह ने फैलाया और उसकी जिंदगी के असबाब फैला दिये, जो कुछ अल्लाह की तरफ से नाजिल होता है वह एक मुकर्ररा मिकदार के साथ होता है, जिंदगी और मौत का मालिक है, एक दिन सबको इकट्ठा करेगा, इंसान को जमीन के आनासिर से पैदा करने पहले ही जिन्नों को कुवते हरारत से पैदा किया जा चुका था, अल्लाह ने जब इंसान की पैदाइश के बाद जो मखलुक नूर या नार से पैदा कि थी, उनसे कहा कि वो दायरे में रहते हुये इंसान का ताअउन करे, तो फरिश्तों ने लब्बेक कहा, लेकिन इब्लीस अड़ गया, कि वह अपनी पैदाइश में इंसान से अफजल है, अल्लाह ने उसे दुतकार दिया, तो उसने एक वक्त तक की मोहलत तलब की, उसे इंसान को भटकाने की इजाजत दी जाए, अल्लाह ने मोहलत देते हुए फरमाया, तुझ पर और सीधे रास्ते से भटकने वालों पर जहन्नम है,
 
और सीधे रास्ते पर चलने वालों के लिए जन्नत है जिन में दाखिल होने वालों के अंदर जो थोड़ी बहुत खोट होगी वह भी उनसे दूर कर दी जाएगी, क्योंकि अल्लाह बहुत दर गुजर करने वाला और रहीम है, लेकिन साथ ही उसका अजाब भी बहुत दर्दनाक है, इस रहमत और अजाब की मिसाल यह है, कि कौमे लुत पर अजाब नाजिल करने वाले फरिश्ते पहले हजरत इब्राहिम के पास पहुंचे, और उन्हें बुढ़ापे के बावजूद एक बेटे की खुशखबरी सुनाई, फिर वह हजरत लूट के पास पहुंचे उनसे कहा कि तुम सुबह होने से पहले अपने घर वालों को लेकर निकल जाओ, सुबह होते ही बस्ती में एक जबरदस्त धमाका हुआ बस्ती वाले पकी हुई मिट्टी और पत्थरों के नीचे दब गए,
 
कोई इलाका जहां यह वाकिया पेश आया लोगों की इबरत के लिए आम गुजरने की जगह पर मौजद है, इसी तरह नाफरमान एका वाले भी तबाह हुए उनका इलाका भी ऐसी जगह है, जहां से लोग गुजरते हैं, हिज्र के लोग पहाड़ तराश कर मकान बनाते थे वह भी एक धमाके के नतीजे में खत्म हो गए, आसमान और जमीन हक पर कायम है, और फैसले की घड़ी लाजमन आएगी, तुम्हें बार-बार दोहराए जाने वाली आयते और कुरान दिया गया, इस तरह की तम्बीह से पहले भी भेजी गई थी, उन्होंने फिरको में बंट कर अपने-अपने कुरान के टुकड़े टुकड़े कर डाले, मुनकरिन की बातों का असर लेने की बजाए, अपने रब की तारीफ बयान करो, सर झुका दो और अपने रब की बंदगी में लगे रहो, यहां तक कि वह घड़ी आ जाए जिसका आना यकीनी है ।

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