सुराह फ़तह-48 आयत 1-29
हमने तुम्हें खुली फतह दे दी, ताकि अल्लाह तुम्हारी अगली पिछली गलतियों की माफ कर दे और तुम पर अपनी नेअमत पूरी कर दे, वह तुम्हंें सीधा रास्ता दिखाएं और तुम्हें जबरदस्त मदद बख्शे, अल्लाह ने इमान वालों के दिलों पर सुकून नाजिल फरमाया ताकि उनका इमान दुगना हो जाए, अल्लाह ने आजमाइश इसलिए रखी के ईमान वाले इंकार करने वाले और मुनाफिक छंट कर अलग हो जाएं, हमने तुम्हें शहादत देने वाला बशारत देने वाला और खबरदार करने वाला बना कर भेजा है, लोगो रसूल पर ईमान लाओ और उसके मिशन का साथ दो उसकी इज्जत करो सुबह और शाम अल्लाह की बढ़ाई बयान करो, नबी से बैत अल्लाह से बैत है, और बैत करने वालों पर अल्लाह का हाथ है,
वादा तोड़ने वालों का वबाल उन्हीं पर होगा, जो इल्म के मरकज से दूर हैं, वह आकर तरह-तरह के बहाने बनाते हैं उनसे कह दो कि ठीक है, तुम्हारा फैसला अल्लाह के हाथ में है, पीछे रुक जाने वालों से कहो करीब ही तुम्हें अल्लाह की राह में जिहाद के लिए बुलाया जाएगा, और तुमने अगर पहले की तरह मुंह मोडा तो अल्लाह तुम्हें दर्दनाक आजाब देगा
अल्लाह उन इमान वालों से राजी हुआ जो नबी के हाथ पर दरख्त के नीचे बैत् कर रहे थे, अल्लाह तुमसे कसरत से गनीमत का वादा करता है, फौरी तौर पर तो तुम्हारे लिए फतेह हैं, दुश्मनों के हाथ तुम पर उठने से रोक दिये है लेकिन वह तुमसे एक दूसरी फतेह का भी वादा करता है, जिस पर तुम अभी कुदरत नहीं रखते, यह काफीर अगर अभी तुम से लड़े होते हैं, तो पीठ फेर कर भागते और कोई मददगार ना पाते अगर ऐसे मोमिन मर्द और औरतें फंसे ना होते, वो तुम नहीं जानते और यह खतरा नहीं होता कि वह तुम्हारी हाथों मारे जाते तो फैसला पहले ही चुका दिया जाता,
अल्लाह ने अपने रसूल को जो फतेह का ख्वाब दिखाया था वह सच्चा था तुम जरूर फतेह होकर मस्जिद के हराम में दाखिल होगे और उसके मनासिक पूरे करोगे, अल्लाह ने अपने रसूल को दीने हक और हिदायत के साथ भेजा ताकि वह इस दिन को बाकी दिनों पर गालिब कर दे और इस पर अल्लाह की गवाही काफी है मोहम्मद अल्लाह के रसूल है और जो उनके साथ हैं वह को काफिरों़ के लिए नर्म चारा नहीं है, और आपस में रहीम है, तुम उन्हें रुकू सजदों और अल्लाह के कामों में मसगूल पाओगे, सजदों के निशान उनके चेहरे पर मौजूद होंगे, तौरेत और इंजील में उनकी निशानी दी गई है, इमान वालों और नेक अमल करने वालों से अल्लाह का मगफिरत और अज्रे अजीम का वादा है,