सुराह मुहम्मद-47 आयत 1-38
जिन्होने कुफ किया और अल्लाह के रास्ते से रोका उनके आमाल अकरत कर दिये गये, और जो इमान लाये नेक अमल किये और मुहम्मद सल्ल. पर नाजिल कर्दा कलाम को माना, अल्लाह ने उनका हाल दुरूस्त कर दिया, और उनकी बुराईयां उनसे दूर कर दी, मैदाने जंग की हिदायत देते हुये बताया गया कि जंग में दुषमन को मारने में जरा सुस्ती ना करो, फिर जब मैदान तुम्हारे हाथ लगे तो ये देख लो के बातिल को पुरी तरह कुचल चुके हो के नही, कैदीयों को हिफाजत से कैद करो, उसके बाद ही उनके बारे में फेसले करना कि उनका क्या करना है, जो जंग में अल्लाह की राह में मारे जाये उन्हे अल्लाह उस जगह दाखिल करेगा, जिससे वो उन्हे वाकिफ करा चुका है, तुम जब अल्लाह की मदद करोगे, तब ही वो तुम्हारी मदद करेगा, और तुम्हे साबित कदम रखेगा,
कुफ करने वाले दुनियां की चंद रोजा जिंदगी के मजे लुट रहे है, उनका आखिरी ठिकाना जहन्नम है, तो क्या अब ये लोग कयामत ही के मुन्तजीर है, के वो अचानक इन पर आ जाये, उसकी अलामात तो आ चुकी है, जब वो आ जायेगी तो, उनके लिये नसीहत कबूल करने का मौका नही बचेगा, जान लो के अल्लाह के सिवा कोई इलाह नही, और अपने गुनाहो पर भी इस्गिफार करो, और दिगर इमान लाने वाले मर्द और औरतों के लिये भी मगफिरत की दुआ करो, अल्लाह तुम्हारे चक्कर मारने की सब जगह को जानता है, और तुम्हारे ठिकाने से भी वाकिफ है,
इमान का दावा करने वालों का तरजेह अमल ये के, कहते है के, जो हुक्म भी आये हम फौरन अमल करेगें, जब फिर ऐसा हुक्म आ जाता है, जिसमें कुर्बानियां देनी होती है, तो चेहरे मुरझा जाते है, अफसोस उनके हाल पर इतिआत का इकरार और अच्छी-अच्छी बातें क्या हुई, बात तो जब थी के अल्लाह से अपने अहद में सच्चे निकलते, क्या उन्होने र्कुआन पर गौर नही किया या उनके दिलों पर ताले लगे है, उनकी बातचीत से तुम उन्हे जरूर पहचान सकोगे, अल्लाह तुम्हारी आजमाईष जरूर करेगा, ताकि मुजाहिद और मुनाफिक अलग-अलग हो जाये,
इमान वालो अल्लाह और रसुल की इतिआत करो, और अपने आमाल को बर्बाद ना कर डालो, मुकाबले के वक्त बोदे ना बनो और सुलाह की दरखास्त ना करो, तुम्ही गालिब रहोगे, अल्लाह तुम्हे अज्र देगा, और तुम्हारा सब माल तुमसे नही मांगेगा, अगर वो तुम्हारा सारा माल मांग ले तो तुम कंजुसी करोगे, और तुम्हारे खोद उभर कर सामने आ जायेगे, फिर तुम में से कुछ लोग कंजुसी करते है, हांलाकिे जो कोई कंजुसी करता है, अपने आप से कंजुसी करता है, अल्लाह तो गनी है और तुम सब मोहताज हो, अगर तुम मुंह मोडोगे तो अल्लाह तुम्हारी जगह बदल कर एक नई कौम ले आयेगा, और वो तुम जैसे नही होगें