Khulasa E Quran | Revealed Quran Hindi | Surah Shuara-26 Ayat 1-227 | खुलासा ए कुरान | मुख़्तसर क़ुरान हिंदी | सुराह शू'आरा26 आयत 1-227

अल्लाह के नाम से जो बडा ही मेहरबान और रहम करने वाला है

Khulasa E Quran
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सुराह शू'आरा26 आयत 1-227

ता.सीन. मीम, यह किताबें मुबीन आयात हे, तुम इस गम में अपने आप को हलक मत कर डालना के लोग ईमान नहीं लाते, अनकरीब इनको इसकी हकीकत मालूम हो जाएगी, जिसे ये झुठलाते हैं, हजरत मूसा को भी फिरौन ने झूठलाया था, नबी के मोजजे को जादू कहा, और बस्ती के जादूगरों को इकट्ठा कर लिया, मगर इन जादूगरों की जादू को हजरत मूसा के असा ने जायल कर लिया, जादूगरी इमान ले आए, हजरत मूसा को अल्लाह ने वही भेजी के बनी इसराइल को मिश्र से निकाल ले जाओ, रातो रात फिरौन ने बनी इसराइल का पीछा किया, आगे समंदर था अल्लाह ने मुसा और बनी इसराइल को समुद्र में रास्ता दे दिया, और फिरौन का लश्कर को गर्क कर दिया,

हजरत इब्राहिम ने भी अपनी कौम को अक्ल और होश इस्तेमाल करने की दावत दी, मुनकरीन और उनके वो माबूद, जो खुद भी मुन्किर थे, इब्लीस के लश्कर, सब के सब जहन्नम में धकेले जाएंगे और वहां एक दूसरे से झगड़ा और एक दूसरे को इल्जाम देंगे, और हसरत करेगें कि उन्हें एक मौका और मिल जाता, झूठलाने वाले बड़ी कौमों की तारिख हजरत नुह से शुरू होती है, उन्होंने अपनी तरफ आये पैगाम को झूठलाया, उन्होंने लोगों को ऊंची नीच जात पात में तब्दील कर रखा था, लेकिन सैलाब में सब गर्क हो गए, अल्लाह ने कस्ती के जरिए नुह और उनके साथियों को बचा लिया, तारीख के इस वाक्य में सबक होने के बावजूद अक्सर मुनकिर मानकर नहीं देखते, कोमैं आद, कोमैं समुद, कौमें शोएब ने रसूलों को झूठलाया, अल्लाह ने उन सब पर अजाब भेज दिया, इन वाकियात में इबरत के सामान है, लेकिन अक्सर लोग सबक नहीं लेते,

यह कुरान रब्बिल आलमीन का अर्जे मुबीन तुम्हारे कल्ब पर नाजिल किया हुआ है, जिसे रूहुल अमीन के जरिए नाजिल किया गया, यह पहले की किताबों में भी है, यह तुम्हारे लिए एक निशानी है, के इसे बनी इजराइल के लोग भी जानते हैं, इसका इंकार करने वाले मुजरिम है, उन पर जब अजाब आयेगा तो एक मौका और तलब करेंगे, किसी बस्ती को हलाक करने का हुक्म तब तक नहीं होता, जब तक उस पर खबरदार करने वाले ना आ जाए, 

अल्लाह जालिम नहीं है, इस वही का शैतानों से कोई ताल्लुक नहीं, वह तो इसकी सुनने से भी दूर रखे गए हैं, अपने करीबी रिश्तेदारों और इमान वालों को खबरदार कर कि तुम्हारी पैरवी इख्तियार करें, उनसे नरमी से पेश आओ, जो नाफरमानी करें उनसे कह दो कि मैं तुम्हारी हूं, हरकतों से बरी हुं, जालसाज और बदकार लोगो पर शयातिन का नुजूल होता है, वह कुछ सुनी सुनाई बातें होती हैं, उसमें से अक्सर झुठी होती हैं, जो शायरी करके उसे कलाम उल्लाह कहते है, उसके पीछे चलने वाले भटके हुए होते हैं, ऐसी बातें कहते हैं जो करते नहीं, जुल्म करने वालों को अपना अंजाम जल्द मालूम हो जाएगा ।
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