Khulasa E Quran | Revealed Quran Hindi | Surah Faatir-35 Ayat 1-45 | खुलासा ए कुरान | मुख़्तसर क़ुरान हिंदी | सुराह फातिर-35 आयत 1-45

अल्लाह के नाम से जो बडा ही मेहरबान और रहम करने वाला है

Khulasa E Quran
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सुराह फातिर-35 आयत 1-45

असल तारीफ अल्लाह के लिए है, जो जमीन और आसमान का बनाने वाला फरिश्तों को पैगाम देने के लिए मुकर्रर करने वाला है, अल्लाह के एहसान को याद रखो और शिर्क ना करो, अल्लाह का वादा सच्चा है यह दुनिया की जिंदगी तुम्हें धोखे में ना रखें, इब्लीस की दुश्मनी से होशियार रहना, अल्लाह ने तुम्हें पैदा किया उसके रिकॉर्ड में हर बच्चे की पैदाइश और उसकी उम्र की कमी बेशी दर्ज है, अल्लाह की कुदरत देखो दरिया का पानी मीठा होता है, समुंदर का बहुत खारा इन दोनों की खासियत है जुदा है, लेकिन दोनों में से तुम्हारे लिए गीजा पेट भरने का इंतजाम होता है, और दोनों में से लिबास की सजावट का सामान निकलता है,

दिन और रात चांद सूरज जिसके बस में हैं उसे छोड़ कर जिसे लोग पुकारते हैं वह किसी हकीर तरीन चीज के भी के मालिक नहीं, और कयामत के दिन उनसे बेजारी का इंकार कर देंगे, ऐ लोगों तुम ही मोहताज हो, अल्लाह बे न्याज है, वो चाहे तो तुम्हारी जगह कोई नहीं मखलूक ले आए, कोई किसी दूसरे का बोझ नहीं उठाएगा, जब कोई बोझ से लदा हुआ दूसरे को पुकारेगा, तो उसका एक तिनका भी कम करने की लिए कोई आगे ना आएगा, चाहे वह करीब तरीन रिश्तेदार क्यों ना हो,

तुम्हारे सामने ईमान वाले और ना फरमान दोनों है, इन दोनों को एक जैसा समझने वाले के देखें, अंधा और आंखों वाला एक जैसे नहीं होते, अंधेरे और उजाले भी एक जैसे नहीं होते, और ना छावं ना धूप एक जैसी होती है, इसी तरह जिंदा लोग और मुर्दे भी एक जैसे नहीं होते, अल्लाह का कानून भी उसी को सुना सकता है, जो सुनना चाहे, उन्हें नहीं सुना सकते जो ऐसे हैं, जैसे कब्रों में मुर्दे, फलों के अलग-अलग रंग और जायको को देखो, पहाडो के अलग अलग रंगो और उनकी धारियों को देखो, इंसान और जानवरों की रंगत के फर्क के साथ गौर करो, ऐसे उल्मा जो इनके जरिए इन चीजों के फर्क की गहराई में जा सके हैं, दर असल यही है जिनके दिलों में अल्लाह की अजमत का रौब बैठ गया है,

बेशक लोग कुरान तिलावत करते है,ं नमाज कायम करते हैं, अल्लाह के दिए हुए में से खर्च करते हैं, उनकी तिजारत फायदेमंद है, फिर अल्लाह अपने बंदों को उस किताब का वारिस बनाता है, जिन्हें को चुन लेता है, अल्लाह आसमान और जमीन की हर छुपी और खुली और हर राज से वाकिफ है, जो लोग बड़ी-बड़ी कसमें खाकर कहा करते थे, कि अगर कोई खबरदार करने वाला उनके पास आता तो सबसे बढ़कर याद करने वाले होते हैं, उन्हीं के पास जब खबरदार करने वाला आये तो तरह-तरह की चाले, उनके खिलाफ चलने लगे, क्या उन्होंने पिछली नाफरमान को मौका अंजाम नहीं देखा, अगर अल्लाह लोगों की करतूतों की सजा फौरन दे दिया करता, तो जमीन पर कोई जानदार ना बचता, लेकिन सबको एक मुकर्रर वक्त तक मोहलत दी जाती है, जब यह मोहलत खत्म होगी तो अल्लाह अपने बंदों का हिसाब लेगा ।
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