अल्लाह के नाम से जो बडा ही मेहरबान और रहम करने वाला है
Khulasa E Quran
सुराह मुमीनून-23 आयत 1-118
हकीकि ईमान वाले और कामयाबी पाने वाले वो है जो अपने नमाजो में खुशु इख्तियार करते हैं, फिजूल बातों और चीजों से दूर रहते हैं, जकात के निजाम के के लिए कोशिश करते हैं, अपनी शरमगाह की हिफाजत करते हैं, अमानतो, अहदों और नमाजो की हिफाजत करते हैं, ऐसे लोग ही जन्नतों के वारिस होंगे, अल्लाह ने बड़ी कारीगरी से तुम्हें जमीनी मादे से जिता जागता इंसान बनाया, हैरतनाक कायनात की तखलीक, बारिश, बागों की शेराबी और मवेशी सब अल्लाह के कुदरत का नमूना है,
तारीख में इंकार करने वालो में से कौमे नूह और उनके बाद के बहुत सी कौमे और फिरौन तबाह और हलाक कर दिए गए, अल्लाह ने ईशा और उनकी वाल्दा के मुखालिफीन को ना कामयाब किया, लिहाजा अल्लाह का पैगाम पहुंचाने वालों, पाक चीजें खाओ और नेक अमल करो, तुम्हारी उम्मत एक उम्मत है, और अल्लाह तुम्हारा रब है, उस की ना फरमानी से बचना, लेकिन लोगों ने अपने दीन को आपस में टुकड़े-टुकड़े कर दिया, और जिस गिरोह के पास जो है उसी में मस्त है, अच्छा इन्हें खास मुद्दत तक गफलत में पड़ा रहने के लिये छोड़ दो,
अल्लाह किसी पर उसकी ताकत से ज्यादा जिम्मेदारी नहीं डालता, सब कुछ उसके पास रिकॉर्ड हो रहा है, जो सामने आ जाएगा हिसाब में किसी पर जर्रा जुल्म नहीं किया जाएगा, इंकार करने वाले अपने अपने रसूलों की जिंदगी से खूब वाकिफ थे, उनके असलाफ के पास भी अल्लाह का कलाम आ चुका था, फिर तो यही बात रह जाती है कि उन्होंने कभी कलाम पर गौर ही नहीं किया, हक उनकी ख्वाहिशात के ताबे नहीं है, कुरान में हम सब का जिक्र है, जो मुंह मोुड़ता है, वह अपनी जिक्र से मुंह मोडता है, अल्लाह बहुत से लोगों को इसलिए भी तकलीफ में रखता है, ताकि वो आजिजी इख्तियार करें,
जब भी आसमान और जमीन के मालिक के बारे में उनसे पूछा जाता है तो वह यही कहते हैं कि एक खुदा है, उसके बाद भी शिर्क करते हैं, तुम अल्लाह से दुआ करो के अजाब तुम्हारी जिंदगी में आये तो अल्लाह तुम्हें मेहफज रखे, तब तक तुम बुराई को भलाई से दफा करो, शैतान के खिलाफ अल्लाह की पनाह तलब करते रहो, जहन्नम में जब आग उनके चेहरो की खाल चाट जाएगी, उनके जबड़े बाहर निकल आएंगे, तो उनसे कहा जाएगा कि तुम वही तो हो जो ईमान वालों का मजाक उड़ाते थे, अच्छा बताओ जमीन में तुम कितने साल रहे वह कहेंगे के एक दिन या उससे से कम, सही मुद्धत तो शुमार करने वालों से पूछ लो, इरशाद होगा कि तुम थोड़ी मुद्दा ठहरे ना, काश तुमने ये उस वक्त जाना होता, क्या तुमने यह समझ रखा था के तुम्हें फिजूल पैदा किया गया था, और तुम्हे अल्लाह की तरफ वापस नहीं जाना था, आली मर्तबा है, मालिके हकीकी अकेला इलाह और अर्शे करीम का रब, उससे रहमत की दुआ करो ।