Khulasa E Quran | Revealed Quran Hindi | Surah Zukhruf-43 Ayat 1-89 | खुलासा ए कुरान | मुख़्तसर क़ुरान हिंदी | सुराह जुखरुफ़-43 आयत 1-89

अल्लाह के नाम से जो बडा ही मेहरबान और रहम करने वाला है

Khulasa E Quran
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सुराह जुखरुफ़-43 आयत 1-89

हा मीम, किताबे मुबीन की गवाही है कि अल्लाह ने इसे अरबी कुरान बनाया, ताकि तुम्हारी अक्लों में आ जाए, दरअसल ये उम्मूल किताब में है, जो हमारे यहां बहुत बुलंद मर्तबा और ब हिकमत है, अगर तुम उनसे पूछो का कायनात का खालिक कौन है, जमीन को गहवारा बनाकर उसमें रास्ते किसने बनाएं, मुकर्ररा एक बार में पानी उतार कर उस में मुर्दा जमीन में जान कौन डालता है, ऐसे ही तो तुम भी उठाए जाओगे, तो यह खुद कहेंगे कि यह सब तो इल्म और हिकमत वाले अल्लाह के हैं, उसने तुम्हारे लिए सवारीयां बनाई, तुम उनकी पीठ पर बैठो और अपने रब के एहसान को याद करो, कहा करो पाक है वो जिसने इस सवारी को हमारे बस में कर दिया वरना इसे पर काबू पाना हमारे कंट्रोल में नहीं था, और एक रोज हमें अपने रब की तरफ लौटना है

इसके बाद भी एहसान फरामोश इंसान षिर्क करता है, कहते हैं कि ये उनके बाप दादा का दीन है नबीयांे के लाए दिन का इंकार करते हैं, हजरत इब्राहिम ने भी अपनी कौम को षिर्क करने से मना किया था, अब उन्हीं की नस्ल में रसूल वही पैगाम लाया तो इसे जादू कहते हैं, दुनिया की जिंदगी में उनकी गुजर बसर जराये अल्लाह ने उन्हे तक्सीम कर रखे हैं, कुछ को अल्लाह ने ज्यादा दिया है और कुछ को कम, अगर सबको मालदार बनाना होता तो अल्लाह ये कर सकता था, कि सब काफिरों की घर की छत सिढियां और दरवाजे, सब सोने और चांदी के बना देता, यह तो दुनिया का साजो सामान है तुम्हारे रब के यहां आखिरत सिर्फ मुत्तकीन के लिए है,

तुम सबको इस कुरान की जिम्मेदारी की जवाब देही करनी होगी, पिछले रसूलों से पूछ कर देख लो, यानि पिछली किताबों की असल तालीम पर नजर डालकर देख लो, एक के सिवा हर एक की बंदगी से परहेज की तालीम मिलेगी, अल्लाह ने फिरौन की कौम पर अजाब भेजें, हर मौके पर मूसा से दरख्वास्त करते के अल्लाह से कह कर हमें निजात दिला दो, हम सही रास्ते पर आ जाएंगे बिल आखिर उन पर ऐसा अजाब आया, के वह सब गर्क कर दिए गए,  मुशरिकीन कहते हैं कि रसूल तो खुद खुदा के बेटे थे, जैसे ईशा इब्ने मरियम हकीकत यह है कि अल्लाह के बंदे थे जिन्हें अल्लाह ने बनी इसराइल के लिए अपनी कुदरत एक नमूना बनाया था, मसीह की जिंदगी पर हैरत और ताज्जुब क्यों है

अल्लाह चाहे तो तुम से फरिश्ते पैदा कर दे, इषा जब आये तो हिकमत की लेकर आए और तौहिद की तालीम दी, तब भी उनके दौर के लोगों में दो गिरोह बन गए और एक गिरोह ने इंकार किया था उनके लिए दर्दनाक दीन का अजाब है जब वह दिन आएगा तो मुत्तकीन के अलावा बाकी सब आपस में एक दूसरे के दुश्मन बन जाएंगे सजा के हकदार लोग मौत की तमन्ना करेंगे, लेकिन उस दिन मौत उन्हें नहीं मिलेगी, इनसे कहो कि रहमान की अगर कोई औलाद होती तो मैं खुद उसकी बंदगी सबसे आगे बढ़कर करता कायनात का खुदा सिर्फ वही एक है उसी की हर शे पर मिलकियत कायम है, वह कयामत की घड़ी का इल्म रखता है, और उसकी तरफ तुम सब को पलटाया जाएगा, हुज्जत पूरी होने के बाद भी मान कर ना देने वालों से दर गुजर करो, कहो के सलाम है, तुम्हें मालूम हो जाएगा ।
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