सुराह जरियात-51, तूर-52, नज़्म-53, कमर-54, रहमान-55, वाक़िया-56, का खुलासा
सुराह जारियात 51 : गर्द उड़ाने वाली हवाएं, पानी से लदे बादलों को उठाने वाली हवाएं, और अल्लाह की मसलिहत से उसको तक्सीम करने वाली हवाऐं गवाह है, जिसका तुमको खौफ दिलाया जा रहा है वो हक है, मुख्तलिफ शक्लो वाला आसमान गवाह है कि सिर्फ हक से फिरने वाला इस तंभी से मुंह फेरता है, रातों को कम सोने वाले आखरी पहरों में माफी मांगने वाले और अपने मालो में मांगने वाले और मेहरमों का हक अदा करने वाले उस दिन कामयाब होंगे आसमान और जमीन के मालिक की ये बात इतनी हक है जैसे कि तुम आपस में बातचीत कर रहे करते हो ।
इब्राहिम के मोअजज मेहमानों का किस्सा तुम्हें मालूम है के फरिश्ते आये और सलाम के बाद कहा कि हम आपके लिये औलाद की खुशखबरी लाए हैं, उनकी बूढ़ी बीवी ने अपना मुंह पीट लिया, तो फरिशतों ने कहा ये तुम्हारे रब का फैसला है तो ऐसा ही होगा वो हिकमत वाला और इल्म वाला है, इब्राहिम ने उनसे पूछा कि अल्लाह के पैगंबरान आप कैसे तशरीफ लाएं, उन्होने कहा कि हमें एक मुजरिम कौम के ऊपर पकी हुई मिट्टी के पत्थर बरसाने के लिए भेजा गया है, फिर कौमे लुत तबाह हो गई, वहां पर एक मुस्लमान के घर के अलावा किसी और मुस्लमान का घर ना था ।
आले फिरौन कोमे आद और कोमें समूह और नुह की कौम भी ना फरमान थी, जो हलाक कर दी गई, अल्लाह ने तमाम जिन्न और इंसानों को पैदा करने के बाद उनका फरीजा यह मुकर्रर फरमाया, कि वह अल्लाह के बंदे बन कर रहे उनमें से कुफ्र करने वालों के लिए वादे यानि आखिरत का दिन तबाही का होगा ।
सुराह तूर 52 : चाहे कोहेतूर हो या वहां पर लिखवाए गए अहकाम या चाहे कुरान जो नरम कागजों पर लिखा हुआ तुम्हारे पास है, चाहे बेतूल मामूर हो या बुलंद आसमान या भरपूर समंदर, यानी चाहे अल्लाह की किताबें हो या चाहे कायनात मैं अल्लाह की आयात, यह सब गवाह है कि मुनकरीन के रवैया के नतीजे में बरपा होने वाला अजाब उन पर आकर रहेगा, लेकिन तक्वा इख्तियार करने वाले जन्नतों में होगे, उनके लिए वहां बे अंदाजा नेमअतें और ऐश केे समान होगें, उनकी ईमान वाली नस्लें भी जन्नतों में होगी और उनकी आपस मेल मुलाकातें होगी, वह आपस में कहेंगे कि दुनिया में हमको कितनी कमजोरी की जिंदगी गुजारनी पड़ी, लेकिन अब अल्लाह ने हम एहसान किया ।
मुनकरीन नबी पर मजनून, काहिन शायर वगैराह होने का इल्जाम लगाते हैं, हालांकि खुद इस शान का कलाम नहीं ला सकते, वे देखते नहीं कि वह खुद किसी के पैदा किए हुए हैं कायनात का कंट्रोल और उसके वसाईल भी उनके हाथ में नहीं है, लिहाजा उनकी यह सब फरेबकारियां उन पर उल्टी पड़ेगी, अपने रब का फैसला आने तक तुम सब्र करो और सुबह शाम दिन रात तारों के डूबने के वक्त यानि तमाम औकात में अपने रब की हम्द के साथ उसके काम में तेजी से लगे रहो ।
सुराह नज्म 53 : सुबह को गुरुब होने वाला वह तारा जो रात को राह दिखाता रहा था, वह गवाह है कि नबी भी अल्लाह की वही के मुताबिक रहनुमाई करते हैं, वह ना थकते हैं ना अपनी ख्वाहिश से कुछ कहते हैं, मेराज में वो उस मकाम तक पहुंचे जहां जिब्रील भी नहीं जा सकते है, मार्फत का उन्होंने ऐसे मूसाहिदा किया जैसे कोई नजरों से देखता है, उन पर उस वक्त जो वही हुई दिल में उतरती चली गई, हैरत की इंतिहा का माहौल था वहां उन्होंने अपने रब की बड़ी-बड़ी निशानियां देखी एक तरफ अजमत का यह आलम और दूसरी तरफ लोग देवी देवता गढ़ते हैं, जिसके वजूद के लिए उनके पास कोई सबूत नहीं है ।
अब जो अल्लाह की याद से मुंह मोडता है जिसे इन बातों से कुछ मतलुब ही नहीं है, उसे उसके हाल पर छोड़ दो, जो लोग बड़े गुनाहों से बचते रहे उनके छोटे-छोटे गुनाहों का अल्लाह हिसाब नहीं लेगा, कोई अपने मुत्तकी होने के घमंड में ना पड़े अल्लाह को उन सब का इल्म उस वक्त से है जब तुम अपनी माओं के पेट में थे, वो नेकी का दावा कैसे कर सकते हैं जो अल्लाह की राह में थोड़ा सा देखकर फिर हाथ खींच लेते हैं ।
जो उसूल अब बतलाए जा रहे हैं वहीं हजरत मूसा हजरत इब्राहिम के साहिफों में भी थे, जैसे कोई किसी दूसरे का बोझ नहीं उठाएगा इंसान ने जिसकी खुद कुछ कोशिश की होगी उसी का उसको अज्र मिलेगा, हंसाना, रुलाना, मौत और जिंदगी, नर मादा की पैदाइश, मालदार करना और सामाने जिंदगी बख्शना सब उसी के हाथ में हैं, आद और समूद और कौमे लूत को उसी ने हलाक किया था, यह एक वार्निंग है, हंसी में उड़ाने और गाने बजाने में लगे रहने और हंसी ठठ्ठो में जिंदगी गुजारने की बजाए अपने को कसुरों पर रोने का मकाम है, उसी के आगे झुको उसके बंदे बन जाओ ।
सुराह कमर 54 : घड़ी करीब आ गई और और चांद में भी दरार आ गई मगर लोगों का हाल यह है कि कोई भी आयत देखें तो मुंह फेर लेते हैं उसे जादू कहने लगते हैं तुम भी उनसे मुंह फेर लो, जब सहमी-सहमी निगाहो के साथ बिखरी हुई टीडीयों की तरह कब्रों से निकलेंगे तब कहेंगे कि यह दिन तो बढ़ा सख्त हैं, कौमंे नूह ने झूठलाया था उनके डूबने के वाकिये को अल्लाह ने इबरत के लिए महफूज रखा है, यह कुरान याद दाहिनी के लिए बहुत आसान ह,ै कौमें आद पर अल्लाह ने जो आंधी भेजी थी वह उन्हें उठा-उठा कर फेंक रही थी, समूद को एक धमाके ने तबाह कर दिया, कौमें लूत पर पथराव करने वाली हवा आई ये सब याददहानियां हैं, और यह कुरान याददहानी के लिए बहुत आसान कर दिया गया ।
आले फिरौन भी तबाह हुए, क्या मौजूदा दौर के कुफ्फार उन लोगों से ज्यादा बेहतर हैं, या आसमानी किताबों में उनके लिए कोई माफी है या खुद को मजबूत जत्था समझते हैं ये सब पीठ फेर कर भागते नजर आएंगे, हर बदआमाली का जब घड़ा भर जाता है, तो उसका नतीजा फौरन सामने आ जाता है, मुखालफिन के सारे आमाल रिकॉर्ड हो रहे हैं, तक्वा इख्तियार करने वाले बागों और नहरों वाली जन्नतों में होंगे, जहां उनकी इज्जत होगी कुव्वत और शौकत वाले शहशांह के कुर्ब में ।
सुराह रहमान 55 : रहमान ने इस कुरान का इल्म दिया उसी ने इंसान को पैदा किया और इल्म को बयान करना भी सिखाया, सूरज, चांद, तारे और पेड़ सब उसके मुकर्ररा जापतोे के तहत है, आसमान और जमीन में अल्लाह ने तवाजुन रख दिया है और हिदायत कर दी के इस बैलेंस को गड़बड़ ना करना, उसके बाद इस सूरत मंे अल्लाह ने बहुत सी नेमअतों की याददहानी करवा के बार-बार इंसानों और जिन्नों के गिरोह को वह तवज्जो दिलाई है कि वह कब तक इनको झूठ लाते रहेंगे ।
जमीन पर अल्लाह ने जिंदगी का सामान पैदा किया फिर जिन्नों के बाद इंसानों को पैदा किया, आधी दुनिया के इंसानो का मशरिक और मगरिब एक तरफ और बक्या का उसकी दूसरी सिमत में, दो मुख्तलिफ समुंदरांे का पानी देखो के एक अनदेखी आड उन्हें मिलने से रोके रखती है, हर मखलुक एक दिन फना हो जाने वाली है सिर्फ तुम्हारे रब्बे जुलजलाल की जात बाकी रह जानी वाली है, हर लम्हे उसकी एक नई शान है ।
जमीन पर कशीश कुव्वत यानि गुरूत्वाकर्षण बल और मजीद कुव्वत यानि अतिरिक्त बल के बगैर इंसान और जिन्न जमीन से निकल कर नही जा सके, फिर जिस दिन आसमान फटकर लाल हो जाएगा उस दिन किसी से उसका गुनाह पूछने की जरूरत नहीं होगी और जो अपने आमाल का बदला पाने का का खौफ रखते हैं, उनके लिए दो-दो जन्नते होंगी उन जन्नतों में हर किस्म का ऐशो आराम होगा, इंसानों की तरह जिन्नात के लिए भी ऐसा ही होगा, ऐसी दो जन्नतें और भी हैं वहां भी इसी तरह के ऐशो आराम है और अब तुम दोनों इंसान और जिन्नों के गिरोह अपने रब की किन-किन नेअमतों को को झुठलाओगें होगे, बड़ा बबरकत है, जलाल और बुजुर्गी वाले तेरे रब का नाम ।
सुराह वाकिया 56 : जब वो वाकिया पेश आ जाएगा जिसमें कोई शक और सुबा नहीं है, जब जमीन हिला दी जाएगी और पहाड़ रेजा रेजा हो जाएंगे, उस वक्त लोग तीन गिरोह में तक्सीम किए जाएंगे दाएं हाथ वाले यह जन्नत वाले होंगे वहां उनके लिए बहुत नेअमतें होंगी अव्वलीन और आखिरीन दोनों तरह के लोग होंगे उनकी काफी तादाद होगी दूसरा गिरोह सदीकिन का होगा यह आम जन्नतीयों से ऊपर मुकर्रबीन में शामिल होंगे, दौरे अव्वल के लोगों में से यह सादेकीन बहुत होंगे और दौरे आखिर के लोगों में भी कुछ सादेकिन होंगे लेकिन कम होंगे, तीसरा गिरोह बाएं हाथ वालों का होगा जो जहन्नम में बहुत भयानक सजाओ में घिरे हुए होंगे ।
ये मुनकरीन गौर क्यों नहीं करते क्या नुत्फे से तखलीक वो करते हैं या बीज से खेतिया वह पैदा करते हैं पीने का पानी क्या वह फरहाम करते हैं आग जलाने का ईंधन क्या उन्होंने पैदा किया है, तारों के मकामात और मंजिलें और उनका निजाम जितना मुस्तहकम है उतना ही मजबूत और मुस्तहकम यह कुरान भी है, लेकिन जिनके बातिल पाकीजा नहीं है वो इसके मानो को छू भी नहीं सकते, इंसान जिंदगी के हर सांस में अल्लाह की कानून इतिआत करने पर मजबूर है अगर वह खुद मुख्तार है तो मरने वाले की जिंदगी वापस क्यों नहीं ले आता, वह मरने वाला अपने ईमान और अमल के एतबार से मुनदरजा बाला उन तीन में से एक गिरोह में जाएगा, यह एक अजीम हकीकत है जो वाकेअ के होकर रहेगी अपने अजीम रब के नाम की तस्बीह बजा लाओ ।