Khulasa E Quran | Revealed Quran Hindi | Surah Hadid-57 To Mumtahina-60 | खुलासा ए कुरान | मुख़्तसर क़ुरान हिंदी | सुराह हदीद-57 से मुनतहिना-60 तक

अल्लाह के नाम से जो बडा ही मेहरबान और रहम करने वाला है

Khulasa E Quran
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सुराह हदीद-57, मुज़दल-58, हश्र-59, मुनतहिना-60, का खुलासा

सुराह हदीद 57 : आसमान और जमीन में हर एक ने उसकी तस्बीह की है वह बहुत जबरदस्त और हिकमत वाला है, उसकी ना इफतदा यानि शुरुआत है और ना इंतिहा यानि ना उसका का खत्मा, अपनी सिफात से वह जाहिर है लेकिन अपनी जात में बातिन हैं, सारे इख्तियार उसी के हैं और वो हर पोशीदा बात का इल्म रखता है, तुम उस अजीम मालिक की राह में उसी के दिए हुए रिज्क में से खर्च क्यों नहीं करते याद रखो फतेह से पहले उसकी राह में जो जानों माल से जिहाद करने का जो दर्जा है वह इस्लाम की फतेह के बाद जिहाद और खर्च से हासिल नहीं होगा 

अल्लाह को कर्जे हसना दोगे तो उसको वो कहीं गुना बढ़ाकर लौटा देगा, हिसाब के दिन मोमिनों की पेशानी का नूर उसने आगे और दाएं जानिब होगा, मुनाफिकीन ईमान वालों से कहेंगे कि हम भी तो तुम्हारे ही साथी थे हमें भी इससे फायदा उठाने दो तो वह जवाब देंगे कि तुम मौकापरस्त थे, तुम्हें शैतान धोखा देता रहा तुम्हारा ठिकाना जहन्नम है, क्या ईमान लाने वालों के लिए अभी वह वक्त नहीं आया कि उनके दिल अल्लाह के जिक्र से पिघल जाए और उसके नाजिल किए हुए के आगे यानि कुरान के कानून सामने झुक जाये, यह दुनिया की जिंदगी कुछ वक्त के दिल बहलावे के सिवा कुछ नहीं है, इसे ही सब कुछ समझ लेने वाला इससे धोखा खा जाता है 

अपने रब की मगफिरत और जन्नत के लिए एक दूसरे से बढ़ जाने की कोशिश करो, हर उस मुसीबत का तस्किरा जो जमीन पर या किसी शख्स पर नाजिल होती है वह पहले से एक रिकॉर्ड में दर्ज है, ताकि जिन्हें कम मिला वह परेशान ना हो और जिन्हें वह अता करें वह फूल ना जाए, अल्लाह ने लोहा नाजिल फरमाया उसमें सख्ती है लेकिन लोगों के लिए फायदे है यही हाल अल्लाह के नबियों के जरिए नाजिल कर्दा कवानिन का भी था, ईमान वालों तक्वा इख्तियार करो और अल्लाह के रसूल पर ईमान लाओ तो अल्लाह अपनी रहमत में से तुम्हें दो गुना हिस्सा देगा, और वह तुम्हें नूर बख्शेगा जिसकी रोशनी में तुम चलोगे, अल्लाह का फजल उसके हाथ में हैं जो उसका मुस्तहिक होता है उसे वह आता फरमाता है, अल्लाह अजीम फजल वाला है 

सुराह मुजदला 58 : जो लोग जहालत में अपनी बीवी को अपनी मां कह देते हैं उससे वह उनकी मांए नहीं बन जाती,  उन्हें तोबा करके अपनी बीवियों की तरफ रुजू कर लेना चाहिए लेकिन इससे पहले वह एक गुलाम आजाद करें या साठ  रोजे लगातार रखें या साठ मिस्किन को खाना खिलाएं, अल्लाह हर बात से वाकिफ है, हर तीन लोगों में से चैथा हर पांच लोगों में से छठा अल्लाह मौजूद है, उनकी हर सरगोशी वो सुन रहा होता है फिर भी जिन्हें चोरी-छिपे सरगोशी करने से मना किया गया इसी में लगे हुये है, और ऊपर से वो यह सोचते हैं कि इसकी सजा उन्हें मिलती नजर नही आती, लिहाजा वह सही रास्ते पर नही हैं 

ईमान वालो तुम जब आपस में कोई मशवरे करो भलाई और तक्वा से मुतालिक मामलात और उमेर में मशवरे करो, कानाफूसी करना शैतानी काम है हालाकि कानाफूसी करने वाले इमान वालों को नुकसान नहीं पहुंचा सकते, जिन लोगों ने एक ऐसे गिरोह को दोस्त बना रखा है, जो ना तुम्हारे हैं ना उनके, वह अपनी कसमों को ढाल बनाते हैं और अल्लाह की राह से लोगों को रोकते हैं, वह शैतान की पार्टी के लोग हैं अल्लाह ने यह तय फरमा दिया है मैं और मेरा रसूल गालीब होकरे रहेंगे अल्लाह और आखिरत पर ईमान रखने वाले अल्लाह और उसके रसूल के मुखालिफ लोगों से मुहब्बत नही करते, अल्लाह उनसे राजी हुआ और वो अल्लाह से राजी हुवे, वह अल्लाह की पार्टी के लोग हैं और वही फलां पाने वाले है ।

सुराह हश्र 59 : आसमान और जमीन की हर शह ने अल्लाह की इतिआत इख्तियार की है, वह जबरदस्त और हकीम है,  अहले किताब ने अल्लाह के निजाम की मुखालिफत की और नौबत जंग तक पहुंच गई तो वह पहले ही हमलें में वो इतने किले छोड़कर भाग गए, इसलिए कि अल्लाह ने उनके दिलों में रोब डाल दिया था जो कोई भी अल्लाह उसके रसूल का मुकाबला करें अल्लाह उसे सजा देने में सख्त है, जो माल बस्ती वालों ने बराहे रास्त अल्लाह के रसूल को दिया वो माल अल्लाह और रसूल अकरबा, मिस्कीन और यतीम और मुसाफिरों के लिए है, और मुहाजिरीन और अंसार के जरूरतमंदों के लिए है, जिन काफिरो ने अहले किताब को तुम्हारे खिलाफ मदद की यकीन दहानी करवाई है, अगर तुम साबित कदम रहे तो वह अहले किताब को धोखा दे जाएंगे इसलिए के उनके दिलों में तुम्हारा खौफ है, ये इक्कठे नहीं है इनके दिल बहम फटे हुए हैं, यह उस शैतान की तरह है जो इंसानों से कहता है कि कुफ्र करो और जब वह कुफ्र कर लेते है तो पल्ला झाड़ लेता है और कहता है कि तुम्हारे को कुफ्र कि मुझ पर कोई जिम्मेदारी नहीं है 

इन दोनों की सजा जहन्नम है ईमान वालो तक्वा इख्तियार करो और कल की फिक्र करो, जो कोई अल्लाह को भुला अल्लाह के कानून ने उन्हें अपने आप को भुलवा दिया हालांकि इस कुरान की असर अंगेजी का ये आलम है के इसे हम पहाड़ के कल्ब में रख देते और पहाड को एहसास अता कर देते तो वह जिम्मेदारी के अहसास से लरजने लगता, और शक हो जाता, अल्लाह के सिवा कोई इलाह नही गैब और जाहिर को जानने वाला नही, वही रहमान और रहीम है, वह बादशाह, मुक्कददस और अमन का सरचश्मा निगेहबान सब पर गालिब, अपना हुक्म जबरन नाफिस करने वाला और बड़ा होकर रहने वाला, वही खालिक ऐबो को दूर करने वाला, खजाने संवारने वाला, और उसकी सभी अच्छी-अच्छी सिफात हैं, वह जबरदस्त और हकीम है ।

सुराह मुमताहिना 60 : ईमान वालों जो अल्लाह के निजाम के दुश्मन हैं वह तुम्हारे भी दुश्मन है उनसे दोस्ती ना करो तुम्हारे लिए भी इब्राहिम में नमूना है, के उन्होंने सब खुदा के दुश्मनों से बेजारी का ऐलान कर दिया था, और दुआ करते थे कि ऐ हमारे रब हमारे आमाल ऐसे ना हो जाए कि हम खुद काफिरों के लिए फितना बन जाए, अल्लाह तुम्हें उन लोगों के साथ नेकी और इंसाफ का सुलुक करने से नहीं मना करता, जिन्होंने दीन के मामले में तुम से जंग नहीं की, और तुम्हें तुम्हारे घरों से नहीं निकाला, अल्लाह तो तुम्हें उन लोगों से दोस्ती करने से मना करता है जिन्होंने दीन की वजह से तुमसे जंग की और तुम्हें तुम्हारे घरों से निकाला और निकालने में एक दूसरे की मदद की, उनसे दोस्ती करने वाले जालिम है 

जब औरतें इमान लाकर अपने घर बहार छोड़कर तुम्हारी पनाह में आ जाए पहले तो खूब जांच पड़ताल करो फिर जब उनका मोमिन होना मालूम हो जाए तो उनके रिस्ते उनके काफीर शौहरों से टूट गए, वह इमान वालों से निकाह कर सकती है, ईमान लाने वालों की बीवियों में से अगर काफीर हो जाए या वो जाना चाहे तो उन्हें मत रोको, नौमुस्लिमां औरतें इस बात का अहद करें कि वह शिर्क ना करेंगी, चोरी, जीना और औलाद का कत्ल ना करेंगी और किसी पर बोहतान नहीं घडेगीं दीनी मामलात में ना फरमानी नहीं करेगी इमान वालों को दोस्त ना बनाओ जिन पर अल्लाह ने गजब फरमाया वह लोग जो आखिरत से ऐसे मायुस हैं जिस तरह कबरों में पड़े हुए काफिर मायूस है ।
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