सुराह तकवीर-81, इनफितार-82, मुत्तफिन-83, इन्शीकाक-84, बुरुज-85, तारिक़-86, आला-87, ग़ासिया-88, फज़र-89, बलद-90 का खुलासा
सुराह तकवीर 81 : और जब सूरज लपेट दिया जाएगा और तारे बिखेर दिये जाएंगे और पहाड़ चलाए जाएंगे और बहुत किमती पालतू जानवरों की भी किसी को परवाह ना होगी, जंगली जानवर एक जगह समेट दिए जाएंगे, समंदर भड़का दिए जाएंगे, जाने अपने जिस्म में डाल दी जाएगी, जब जिंदा दफन की गई लड़की से पूछा जाएगा कि उसे किस कसूर में कत्ल किया गया, जब सारे सहीफे नसर कर दिए जाएंगे, जब आसमान का पर्दा हटा दिया जाएगा, जब जहनन्म दहका दी जाएगी और जन्नत करीब ले आई जाएगी, उस दिन हर इंसान जान जाएगा कि वह क्या लेकर आया है, यह एक रसूले करीम का कौल है जो ऊपर वाले के यहां बहुत कूवत का मालिक है, वहां उसका हुक्म माना जाता है वह अमानतदार है, तुम्हारा साहेब मजनून नहीं है, उसने उसे खुले हुए उफक पर देखा था, वो गैब के मामले में बखील नहीं है, यह किसी शैतान मरदूद का कौल नहीं ह,ै फिर तुम किधर चले जा रहे हो, यह तमाम जहान वालों के लिए नसीहत है उसके लिए जो सीधे रास्ते पर चलना चाहे, तुम्हारे चाहने से कुछ नहीं होता सब अल्लाह रब्बुल आलमीन की मसीयत से होता है ।
सुराह इनफितार 82 : जब आसमान फट जाएगा और तारे बिखर जाएंगे, कब्रे खोल दी जाएंगी, उस दिन सबको अपना-अपना अगला पिछला सब मालूम हो जाएगा, ऐ इंसान तुझे किसने धोखे में रखा उसने के जिसने तुम्हे सलाहियते दी, तुप पर निगरा मुकरर्र है ऐसे मौअजज कातिब जो तुम्हारे हर फैल को जानते हैं, नेक और बद जन्नत और जहन्नम में जाएंगे, उस दिन फैसले का इख्तियार बस अल्लाह को होगा ।
सुराह मुतफ फीफीन 83 : तिजारत में बेईमानी करने वालों के लिए तबाही है एक दिन सब रब्बुल आलमीन के सामने खड़े होंग,े बदकारो का रिकॉड सीजीइन में रखा जाता है, और नेक लोगों का रिकाॅड इल्लीइन में होता ह,ै बुरे लोग उस दिन अपने रब के दीदार से मेहरूम रखे जाएंगे, नेक लोग मसनदों पर बैठे ऐश कर रहे होंगे, मुजरिम लोग दुनिया में ईमान वालों का मजाक उड़ाते थे उस दिन ईमान लाने वाले कुफ्फार पर हंसेगें, मिल गया ना काफिरों को उन हरकतों का सवाब जो वो किया करते थे,
सुराह इनशिकाक 84 : जब आसमान अपने रब की हुकूम की तामिल में फट जाएगा और जमीन अपने बोझ बाहर फेक कर खाली हो जाएगी, उस दिन जिसका नामाए अमल दाएंे हाथ में दिया गया उससे हल्का हिसाब लिया जाएगा, और वो खुशी-खुशी अपने घरवालों की तरफ पलटेगा, और जिसका नामाए अमल बाऐं हाथ में दिया गया वह मौत को पुकारेगा, वह दुनिया में अपने घर वालों में मगन था, तुम्हें यकीनन आसमानों के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में तरफ सफर करना है, इन इमान ना लाने वालो को क्या हो गया है, कि जब कुरान पढ़ा जाता है तो सरे तस्लीम खम नही करते, उन्हें दर्दनाक अजाब की खबर दे दो, और जिन्होंने नके अमल किये थे उनके लिए कभी ना खत्म होने वाला अज्र है ।
सुराह बुरूज 85 : जिस घड़े में धड़कते हुए ईंधन की आग थी, उसके किनारे बैठने वाले तबाह हो गए, अहले ईमान से उनकी दुश्मनी इसलिए थी कि वह अल्लाह पर ईमान लाए थे, जो आसमानों और जमीन का मालिक है, जिन लोगों ने मोमिन मर्द और औरतों पर सितम तोड़े, और तौबा ना की उनके लिए जहन्नम का अजाब है, और ईमान लाने के बाद अमल करने वालों के लिए जन्नत के बाग जिनके नीचे नहरे बह रही होंगी, यह है बड़ी कामयाबी, तुम्हारे रब की पकड़ बहुत सख्त है, फिरौन और समूद के लश्कर उसके गहरे में है, यह कुरान बुलंद पाया है, और लोहे महफूज में है ।
सुराह तारिक 86 : आसमान और उसमें नोकिंग स्टार की कारीगरी गवाह है, कि अल्लाह इस कादिर है कि जिस इंसान को उसने एक हकीर माददे से पैदा किया, उसे वह दोबारा पैदा कर सक,े उस दिन पोशीदा रातों की भी जांच होगी, ऊपर के ताबकारी को ऊपर, और नीचे के अबखरात का नीचे की तरफ लौटा देने वाला आसमान और फट जाने वाली जमीन गवाह है, कि यह कोई हंसी मजाक नहीं है, मुखालिफीन कुछ चाले चल रहे हैं, और अल्लाह का अपना मंसूबा है, उनकी चाले उन्हीं पर उलट जाने तक जरा उन्हें छोड़ दो ।
सुराह आला 87 : उस रब के दिये हुए काम में तेजी से लगे रहो जिसने पैदा करके तनासुल कायम किया, तकदीर बनाई, फिर राह दिखाई जिसने नबाताद उगाई फिर उसने इनको सिया कूड़ा करकट कर दिया, अल्लाह तुम्हें पड़वा देगा फिर तुम भुलोगे नहीं सिवाय इसके जिसमें उसकी मसीयत हो, जिसे नसीहत में फायदा हो उसे नसीहत करो, जिसने पाकीजगी इख्तियार की और अपने रब के नाम का जिक्र किया, और नमाज अदा की वो फलां पा गया, मगर तुम लोग दुनिया की जिंदगी को तरजीह देते हो, हालांकि आखिरत बेहतर है, पिछले साहिफों में से इब्राहिम और मूसा के साहाइफों में भी यही कहा गया है ।
सुराह गासिया 88 : तुमने उस रोज छा जाने वाली आफत के बारे में सुना, उस दिन अहले जहन्नम के चेहरे खौफजदा होंगे, अहले जन्नत के चेहरों पर रौनके होगी, ऊंटों की साख्त, आसमानों की रिफत, पहाड़ों की जमावट और जमीन का फैलाव सब अल्लाह की कुदरत की गवाह है, तुम्हारा काम जब्र करना नहीं है, तुम नसीहत किए जाओ, मुंह मोड़ने वालों को अल्लाह भारी सजा देगा, अल्लाह की तरफ उनकी वापसी है, फिर वह उनसे हिसाब ले लेगा ।
सुराह फज्र 89 : हिदायत का सवेरा जुनुदे रात के बाद हुआ ये दोनों गवाह है कि मूनकरीन का अंजाम इबरतनाक हुआ, आद और समूद और फिरौन की कौम यह सब अपने वक्तोें की बड़ी ताकतों वाले फसादी थे पकड़े गए, इंसान दुनिया की नेअमतों को अपनी इज्जत, और रिज्क की तंगी को अपनी जिल्लत समझता है, तुम माल की मुहब्बत में गिरफ्तार होकर यतीम और मिस्कीन के हक अदा नहीं करते और मिरास का माल सब हजम कर जाते हो, जब जहन्नम सामने आ जाएगी और फरिश्ते सफबस्ता खड़े होंगे उस दिन हसरत करने से क्या हांसिल, उस दिन अल्लाह जैसा अजाब देगा वैसा अजाब देने वाला कोई नहीं, उस दिन नफ्से मुतमाईन्ना से कहा जाएगा कि तू अपने रब की तरफ इस हाल में पलट कि अल्लाह तुझसे राजी और तू उससे राजी, मेरे नेक बदों में दाखिल होजा, और मेरी जन्नत में दाखिल होजा ।
सुराह बलद 90 : यह शहर गवाह है के इसके लोगों ने तुमको बहुत दुख पहुंचाए, दरअसल अल्लाह ने इंसान को मशक्कत में पैदा किया है, इंसान इस दुनिया में अपनी लज्जतों के लिए जीना चाहता है अपनी पसंद के लिए खूब माल उड़ाता है लेकिन दुश्वार घाटी में दाखिल नहीं होता, दुश्वार घाटी में दाखिल का मतलब है गर्दन छुड़ाना, यतीम और मिस्किन को खिलाना उसके बाद ही ईमान वालों में शामिल होकर साबित कदमी और रहम की ताकीद करना, ऐसे लोग दाएं बाजू वाले होंगे और जिन्होंने अल्लाह की आयात का इन्कार किया वह बाएं बाजू वाले होंगे उन पर आग छाई हुई होगी ।